जर्मनी के अस्पताल में शाकाहार और योग पर फोकस

जर्मनी। जर्मनी के हेटिनगन शहर में पिछले 14 साल से प्रोटेस्टेंट अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग में आयुर्वेदिक को पूरक पद्धति के रूप में मान्यता देकर,मरीजों का इलाज आयुर्वेदिक दवाओं से किया जा रहा है। यहां के डॉक्टर एलोपैथी और आयुर्वेदिक दवाओं का समान रूप से उपयोग करते हैं। अस्पताल की रिसर्च टीम की डॉक्टर संदीप और डॉक्टर सुनील का कहना है,कि उन्होंने आयुर्वेद पद्धति से पार्किंसन के रोगियों में सुनने की शक्ति लौटाने में सफलता पाई है। आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार के अन्य मामलों पर भी रिसर्च की जा रही है। ध्यान स्पीच से फायदा अस्पताल में मरीजों को योग, मेडिटेशन, मसाज और स्पीच थेरेपी के माध्यम से भी इलाज किया जा रहा है। जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। अस्पताल में मरीजों को शाकाहारी भोजन और योग के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। शुगर की बीमारी में भी बेहतर प्रभाव देखने को मिल रहा है। डॉक्टर हासर्ट प्रेजुन्टेक भारत प्रवास के दौरान, 2009 में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को पूरक पद्धति के रूप में जाना था। तभी से इस अस्पताल में उन्होंने एलोपैथी इलाज के साथ-साथ आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से मरीजों का मिश्रित उपचार शुरू किया। जिसके बहुत अच्छे फायदे मरीजों में देखने को मिल रहे हैं।