वाराणसी। काशी के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित डीडीयू चिकित्सालय पांडेयपुर, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर, जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा एवं आईएमएस बीएचयू में स्थापित किए गए 13 मातृ-नवजात शिशु देखभाल इकाई (एमएनसीयू) और ग्रामीण व शहरी सीएचसी में स्थापित किए गए 12 लघु पोषण पुनर्वास केंद्र (मिनी एनआरसी) का प्रयोग यदि सफल रहा, तो वह इस पहल को पूरे प्रदेश में लागू करेंगे। एमएनसीयू वार्ड समय से पहले जन्मे (प्री मैच्योर) और कम वजन वजन वाले बच्चों के नया जीवन देने में अहम भूमिका निभाएगा जबकि मिनी एनआरसी ब्लॉक स्तर पर ही कुपोषित बच्चों को प्राथमिक व आवश्यक उपचार देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस पहल में वाराणसी सहित पूरे प्रदेश में शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। साथ ही सामुदायिक स्तर पर ही जनमानस को चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ भी मिल सकेगा। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक रविवार को एकदिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे एवं सर्किट हाउस सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तृत समीक्षा कर रहे थे।उन्होंने वाराणसी मंडल के स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों की समीक्षा और एमएनसीयू व मिनी एनआरसी का शुभारंभ भी किया। इस दौरान सर्वप्रथम उप मुख्यमंत्री ने डिजिटल माध्यम से बटन दबाकर मिनी एनआरसी एवं एमएनसीयू का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मातृ शिशु स्वास्थ्य के साथ परिवार कल्याण कार्यक्रम को सुदृढ़ीकरण करने व संचारी एवं गैर संचारी रोगों की रोकथाम के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। वाराणसी में एमएनसीयू और मिनी एमआरसी की पहल की गई है जो काफी कारगर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यदि वाराणसी में एमएनसीयू व मिनी एनआरसी का प्रयोग सफल रहता है तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा जिससे कि लोगों को उनके घर के पास ही सेवाएं मिल सकें। बैठक में उप मुख्यमंत्री ने एक जुलाई से संचालित संचारी रोग नियंत्रण अभियान के बारें जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों एवं मलिन बस्तियों में प्रभावी रूप से मच्छर जनित स्रोतों का समय से विनष्टीकरण कराया जाए। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायती राज विभाग और नगरीय क्षेत्र में नगर विकास विभाग के सहयोग से एंटी लार्वा छिड़काव, फॉगिंग आदि का कार्य कराया जाए। जनमानस को मच्छर व जल जनित रोगों से बचाव को लेकर क्या करें और क्या न करें के साथ ही हर रविवार मच्छर पर वार के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने 24 जून से संचालित विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के पहले चरण दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा और दूसरे चरण सेवा प्रदायगी चरण की प्रगति के बारे में जानकारी ली। इसके अलावा सात अगस्त से शुरू होने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान की तैयारियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से किसी कारणवश छूटे हुए पांच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिशत टीकाकरण कराएं। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने वाराणसी मंडल के सभी जिलों में आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दी जा रही सेवाओं के विषय में जानकारी प्राप्त की तथा निर्देशित किया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर बिजली की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराते हुए यह निर्धारित किया जाए कि वहां पर कार्य कर रहे सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) के द्वारा कम से कम 25 से 30 मरीज प्रतिदिन देखे जाएं जिससे कि उसके आसपास के क्षेत्रों में कोई भी बीमार व्यक्ति इलाज से वंचित न रहे।बैठक में जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने मिनी एनआरसी एवं एमएनसीयू में दी जाने वाली सेवाओं के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिनी एनआरसी की सुविधा सीएचसी चोलापुर, सीएचसी अराजीलाइन, सीएचसी नरपतपुर (चिरईगांव), सीएचसी गंगापुर (पिंडरा), सीएचसी हाथी बाजार (सेवापुरी), सीएचसी मिसिरपुर (काशी विद्यापीठ), सीएचसी पुआरीकला (हरहुआ), सीएचसी विरांवकोट (बड़ागांव), शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड, काशी विद्यापीठ, शिवपुर और चौकाघाट पर शुरू हुई है। वहीं एमएनसीयू वार्ड की सुविधा अर्बन सीएचसी चौकाघाट, अर्बन सीएचसी शिवपुर, अर्बन सीएचसी दुर्गाकुंड, अर्बन सीएचसी काशी विद्यापीठ, सीएचसी अराजीलाइन, सीएचसी चोलापुर, पीएचसी हरहुआ, पीएचसी सेवापुरी, पीएचसी पिंडरा, डीडीयू चिकित्सालय पाण्डेपुर, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर, जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा एवं आईएमएस बीएचयू में शुरू किया गया है। इसके अलावा उन्होंने जनपद वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा के क्षेत्र में नवीन अभिनय प्रयोगों के बारे में बताते हुए कहा कि जनपद के कुछ विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा जनपदीय सरकारी चिकित्सालयों में अपनी सेवा नि:शुल्क दे रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने आईएमएस बीएचयू के सहयोग से संचालित किये जा रहे स्टेमी केयर प्रोजेक्ट कार्यक्रम के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत सीएचसी पीएचसी के माध्यम से हृदय रोगियों को तत्काल एवं उनके नजदीक सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।बैठक में आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मंडल डॉ मंजुला सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी सहित जौनपुर, गाजीपुर एवं चंदौली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं अन्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे। इससे पूर्व उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक रविवार दोपहर वाराणसी पहुंचे। वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उनका स्वागत प्रदेश सरकार में आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, सुशील त्रिपाठी, बबलू मिश्रा, पवन सिंह, शैलेश पांडेय प्रोटोकॉल प्रभारी भाजपा/उपाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा काशी क्षेत्र ने किया। वही पत्रकारों से वार्ता के दौरान उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के 345 अस्पतालों में मैं खुद जाने का प्रयास कर रहा हूं। अस्पतालों से ढेर सारे चिकित्सक ड्यूटी से गैरहाजिर हैं। अब तक 724 चिकित्सकों को नोटिस दिया गया है, अगर वह काम पर नहीं आते हैं तो उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य सुविधा उच्चस्तरीय मिले यह सरकार की प्राथमिकता है।