रोम। इटली की एक अदालत में जज ने कहा है कि 10 सेकंड तक यौन उत्पीड़न अपराध नहीं है। यह फैसला उस समय सुनाया गया जब एक लड़की ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया और आरेपी को यौन उत्पीड़न के आरोप से बरी कर दिया गया। आरोपी ने लड़की के साथ छेड़छाड़ करने की बात को स्वीकार भी किया है। दरअसल, उसके अपराध का टाइमिंग सेकंड भर का है, जिस वजह से कोर्ट ने उसे बरी कर दिया। अदालत के इस फैसले पर इटली में बवाल मचा हुआ है। लोग इस मामले पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करने के लिए सोशल मीडिया पर ब्रीफ ग्रोपिंग या 10 सेकंड्स जैसे हैशटैग का उपयोग कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार यह मामला अप्रैल 2022 रोम के एक हाई स्कूल का है। आरोपी ने 17 वर्षीय लड़की के साथ बैड टच किया है। लड़की क्लास अटेंड करने के लिए सीढ़ियों से ऊपर जा रही थी, तभी स्कूल के एक केयरटेकर ने कथित तौर पर उसकी पैंट नीचे खींच ली, उसके नितंबों को छुआ और उसका अंडरवियर पकड़ लिया और बाद में कहा कि वह मजाक कर रहा है। बाद में लड़की ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस पर अदालत में सुनवाई के दौरान, व्यक्ति ने लड़की को छूने की बात स्वीकार की और कहा कि यह ‘मजाक’ में किया गया था। हालांकि वकील ने साढ़े तीन साल की जेल की सजा की मांग की, लेकिन जज ने उस केयरटेकर को यौन उत्पीड़न के आरोप से बरी कर दिया गया। न्यायाधीश ने यह कहते हुए बरी किया कि घटना 10 सेकंड से भी कम समय तक चली और इसलिए, अपराध कायम करने के मानदंडों को पूरा नहीं करती। इस फैसले के बाद इटली के लोगों ने कैमरे को चुपचाप देखते हुए 10 सेकंड की वीडियो पोस्ट करनी शुरू कर दी। इस 10 सेकंड की अवधि में वे अपने अंतरंग अंगों को छूते रहे। वीडियो को सबसे पहले एक्टर पाओलो कैमिली ने बनाई, जिसके बाद से यह सभी बनाने लगे और यह ट्रेंड में चलने लगी।
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