लंदन। भारत ने हाल ही में चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया है। इस मिशन के तहत चांद पर विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को भेजा गया है, जो कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। दुनियाभर के देशों और लोगों ने इस मिशन को लेकर भारत को बधाई दी है। लेकिन कुछ लोग हैं, जिन्हें भारत की अंतरिक्ष में बढ़ती तरक्की हजम नहीं होती। ब्रिटेन के एक नेता ने कुछ ऐसा ही बयान दिया है, जिससे साफ नजर आता है कि वह आज भी औपनिवेशिक मानसिकता से निकल नहीं पाए हैं। उनकी नजर में आज भी भारत एक पिछड़ा हुआ और गरीब देश है जो विदेशी मदद पर जिंदा है। ब्रिटेन फर्स्ट पार्टी के नेता पॉल गोल्डिंग ने व्यंग्यपूर्ण ट्वीट करते हुए कहा कि आपके अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता पर बधाई भारत, और ब्रिटेन के राजनेताओं को शर्म आनी चाहिए जो अनावश्यक रूप से भारत को विदेशी सहायता के रूप में लाखों पाउंड देते रहते हैं। उनके इस ट्वीट से ऐसा लगता है, जैसे भारत के लोग ब्रिटेन से मिलने वाले दान पर जीवित हैं। उनके इस बयान पर भारतीयों ने उन्हें जमकर सुना दिया। एक शख्स ने लिखा, ब्रिटेन ने आज की कीमत के हिसाब से भारत से 45 ट्रिलियन डॉलर लूटे हैं। ट्वीट पर कई लोगों ने कहा कि भारत सरकार ने ब्रिटेन से सहायता लेना बंद कर दिया है। जो भी मदद विदेशों से आती है वह भारत के एनजीओ को जाती है। वहीं कई लोगों ने याद दिलाया कि ब्रिटेन का म्यूजियम भारत से लूटी चीजों से भरे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कोहिनूर हीरा भी ब्रिटिश म्यूजियम में रखा है। कई लोगों ने कहा कि मदद देने की जगह बस भारत की चीजों को लौटा दो। एक यूजर ने लिखा कि जो भी मदद दी जाती है वह यूके राजनीतिक हित में है। ब्रिटेन के कई नेता पहले भी भारत को नीचा दिखाने के लिए दान का जिक्र करते रहते थे। इस पर साल 2012 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पश्चिमी देशों को मदद पर सुना दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि भारत को ब्रिटिश दान की जरूरत नहीं है। उनके मुताबिक यह ऊंट के मुंह में जीरे की तरह है।
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