एफपीओ से बदल सकती है किसानों की किस्मत – डीडीएम

बांदा। किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से जुड़कर किसानों को सस्ते दामों पर बीज, खाद, उर्वरक, कीटनाशक, मशीनरी, ग्रीन हाउस, पॉलीहाउस, कृषि तकनीक, मार्केट लिंकेज, ट्रेनिंग, नेटवर्किंग, आर्थिक मदद और तकनीकी सहयोग उपलब्ध करवाया जाता है, ताकि किसान का मनोबल बढ़े और वो खेती में बिना किसी अड़चन के बेहतर प्रदर्शन कर सकें। यह बातें अतर्रा में विद्याधाम समिति भवन में रनगढ़ फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के कार्यालय उद्घाटन के दौरान आयोजित गोष्ठी में नाबार्ड डीडीएम संदीप कुमार ने कहीं। डीडीएम ने कहा कि एकता में ही सफलता के राज छुपे होते हैं। यही कारण है कि भारत सरकार की योजना किसान उत्पादक संगठन बनाकर किसानों को सशक्तीकरण प्रदान कर रही है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को खेती-किसानी में आपसी सहयोग के लिए एकजुट करना है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के इस योजना से करीब 60,000 छोटे और सीमांत किसानों को सीधे लाभ पहुंच रहा है। एफपीओ सहयोगी संस्था श्रमिक भारती से आए रावेंद्र द्विवेदी (प्रोजेक्ट मैनेजर) ने कहा कि इसके तहत किसानों को खेती-किसानी से जुड़े कामों में आर्थिक और सामाजिक सहयोग मिलता है। इस योजना से लाभ लेने वाले किसानों को बाजार में भी अपनी फसलों का मोलभाव करने में आसानी होती है। राजाभइया (सीबीबीओ) ने एफपीओ के बारे में किसानों को जानकारी दी। बताया कि किसान उत्पादक संगठन किसानों का एक रजिस्टर्ड ग्रुप होता है, जो खेती-किसानी से संबंधित मामलों में किसानों की मदद करता है। इससे किसानों को आपसी सहयोग के चलते फसलों की खरीद-बिक्री करने में आसानी होती है। प्रगतिशील किसान पुष्पेंद्र भाई, अभियान संस्था के अशोक कुमार, राजा भइया सिंह ने भी अपने विचार रखे। इसके पूर्व अर्चना व शशि ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संगीत आचार्य लल्लूराम शुक्ल ने किसानों को प्रेरणा गीत सुनाए। संचालन सैयद इमरान अली ने किया। इस मौके पर कुबेर सिंह, शिव कुमार, माया श्रीवास्तव, बैजनाथ, श्याम सुंदर, बिहारीलाल, सागर, मनोज, दयाशंकर सहित किसान मौजूद रहे।