वाराणसी। काशी, कांची कामकोटि पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी काशी आगमन एवं चातुर्मास्य व्रत महोत्सव की चतुर्थ संध्या का प्रारम्भ 51 वेद छात्रों द्वारा वेद पारायण से प्रारंभ हुई। तत्पश्चात आज की संध्या में काशी के युवा मूर्धन्य कलाकार पूर्णेश भागवत के द्वारा राग यमन में गज वदन सुख सदन, मध्य लय में कैसे घर जाऊं अब मैं, हे दुःख मेरे हरो भोला नाथ दिगंबर, मराठी अभंग धन्य देहु गांव एवं शिव भजन हे शिव शंभो को प्रस्तुत किया। आपके साथ हरमोनियम पर मोहित साहनी एवं तबले पर श्रीकांत मिश्र उपस्थित रहे। कलाकारों का स्वागत एवं सत्कार एस. सुभ्रमणियम मणि जी ने किया। संचालन उत्कर्ष उपेन्द्र सहस्रबुद्धे एवं अर्चना निगम ने किया।
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