मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति के शासी निकाय की समीक्षा बैठक संपन्न

मऊ।आज मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्वास्थ समिति के शासी निकाय की मासिक समीक्षा बैठक संपन्न हुई। समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि गत माह जून में कुल 89.31 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए, जिनमें सरकारी संस्थाओं में 79.31 प्रतिशत प्रसव कराए गए। निजी चिकित्सालयों के सापेक्ष कम संस्थागत प्रसव होने पर मुख्य विकास अधिकारी ने इसमें सुधार लाने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए। जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत ब्लॉक बार आशाओं के वेतन भुगतान अभी मई माह तक ही होने पर मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल समस्त आवश्यक कार्यवाही करते हुए जून माह का वेतन जारी करने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान गत माह के मुकाबले माह जून में टीकाकरण की स्थिति खराब पाए जाने पर मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त स्वास्थ्य अधीक्षकों को कड़ी फटकार लगाते हुए इसमें सुधार लाने को कहा। विशेषकर रतनपुरा एवं रानीपुर ब्लॉक में बीसीजी के टीकाकरण की खराब स्थिति पर उन्होंने विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। मातृ मृत्यु की समीक्षा के दौरान गत माह में प्रसव के दौरान अथवा प्रसव के उपरांत कुल 4 मातृ मृत्यु होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इसकी नियमित मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए, जिससे लोगों की जान बचाई जा सके। आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड से उपचारित लाभार्थियों की समीक्षा के दौरान उपचारित लाभार्थियों की संख्या बहुत कम पाए जाने पर उन्होंने समस्त स्वास्थ्य अधीक्षकों को कम से कम 30 गोल्डन कार्ड धारकों को प्रति माह उपचारित करते हुए लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। अन्यथा की स्थिति में कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी। आरबीएसके टीमों द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण की कार्यवाही की सत्यापन करने के भी निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिए गए। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पोषण पुनर्वास(एनआरसी)केंद्र में सैम बच्चों को भर्ती कराने हेतु उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को चिन्हित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराते हुए ठीक ढंग से उपचारित करने को कहा। साथ ही जिन ब्लॉकों में एनआरसी में भेजे गए बच्चों की संख्या शून्य है, उसे जुलाई माह में बढ़ाने के निर्देश दिए।एसएनसीयू में शिशुओं को भर्ती कराए जाने की स्थिति की समीक्षा के दौरान जिला महिला चिकित्सालय स्थित एसएनसीयू की स्थिति खराब पाए जाने पर उन्होंने जिला महिला चिकित्सालय के सीएमएस को एक कॉमन नंबर एक्टिव करने तथा इसमें और प्रयास करने को कहा। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने जननी सुरक्षा योजना, परिवार नियोजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जन्म मृत्यु पंजीकरण, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नंद कुमार,जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय सहित जिला स्वास्थ्य समिति के समस्त सदस्य उपस्थित रहे।