03 संविलियन विद्यालयों का निरीक्षण कर शिक्षा की गुणवत्ता से रूबरू हुई डीएम

बहराइच। परिषदीय विद्यालयों की साफ-सफाई, शिक्षा की गुणवत्ता, अध्यापकों एंव छात्र-छत्राओं की उपस्थिति, मीड-डे-मील की गुणवत्ता इत्यादि का जायजा लेने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मोनिका रानी ने विकास खण्ड चित्तौरा अन्तर्गत संविलियन विद्यालय सलारपुर, समसा तरहर व गोदनी बसाही का औचक निरीक्षण किया। विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान डीएम ने विद्यालयों के परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा पंचायत भवन का भी जायज़ा लिया। समसा तरहर विद्यालय परिसर में स्थापित पंचायत भवन खुला हुआ पाया गया। यहां पर पंचायत सहायक भी मौजूद मिला। जबकि तीनों विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र तथा सलारपुर व गोदनी बसाही में स्थापित पंचायत भवन भी बन्द पाये गये। निरीक्षण के दौरान बन्द पाये गये आंगनबाड़ी केन्द्रों व पंचायत भवनो का जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान, सचिव, एडीओ पंचायत, खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को मंगलवार को पूर्वान्ह 09ः30 बजे कलेक्ट्रेट तलब किया गया है। सर्वप्रथम संविलियन विद्यालय सलारपुर पहंुचने पर पाया गया कि कक्षा 08 में टीचर द्वारा विज्ञान विषय पढ़ाया जा रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता का जायज़ा लेने के उद्देश्य से डीएम ने छात्र सनी से पुस्तक को पढ़वाकर देखा। मध्यान्ह भोजन के बारे में पूछने पर छात्र-छात्राओं द्वारा बताया गया कि रोटी और आलू परवल की सब्जी परोसी गई है। जबकि मीनू के अनुसार सोमवार को बच्चों को रोटी, सब्ज़ी जिसमें सोयाबीन अथवा दाल की बड़ी तथा ताज़ा मौसमी फल परोसा जाना था। डीएम ने निर्देश दिया कि बच्चों को निर्धारित मैन्यू के अनुसार भोजन तथा फल का वितरण कराया जाय। डीएम ने बच्चों से चिकित्सकीय परीक्षण तथा आयरन तथा अल्बेण्डाज़ाॅल टेबलेट के सेवन के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। सलारपुर के निरीक्षण के पश्चात डीएम ने समसा तरहर व गोदनी बसाही विद्यालयों का भी निरीक्षण कर शिक्षा की गुणवत्ता तथा मध्यान्ह भोजन के बारे में जानकारी प्राप्त की। दोनों विद्यालयों में बच्चों को मैन्यू के अनुसार भोजन परोसा गया था। समसा तरहर के निरीक्षण के दौरान डीएम ने कक्षा 04 की छात्रा रागिनी से पुस्तक पढ़वाकर शिक्षा की गुणवत्ता को परखा। डीएम ने जब कक्ष 03 व 04 के छात्र-छात्राओं से पूछा कि आप लोग भविष्य में क्या बनना चाहते हैं तो लगभग सभी बच्चों ने पुलिस बनने की इच्छा जताई। डीएम ने दोनों विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान आर.बी.एस.के. टीम के भ्रमण, एमडीएम के भुगतान तथा यूनीफार्म की धनराशि के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। टीचर्स बताया गया कि एमडीएम का माह फरवरी के बाद से भुगतान नहीं हुआ है तथा छात्र-छात्राओं के खाते में यूनीफार्म का पैसा नहीं आया। इस सम्बन्ध में डीएम ने मौके से ही बीएसए से जानकारी प्राप्त कर यथाशीघ्र भुगतान कराए जाने का निर्देश दिया। गोदनी बसाही में डीएम ने शिक्षक बन कर बच्चों को अंग्रेज़ी विषय भी पढ़ाया। विद्यालयों के निरीक्षण के दौरान डीएम ने शिक्षकों को निर्देश दिया कि पंजीकृत छात्र-छात्राओं के सापेक्ष अधिक से अधिक बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने शिक्षक-शिक्षिकाओं को निर्देश दिया कि प्लान चार्ट बनाकर बच्चों को पढ़ाया जाय तथा शिक्षा के साथ स्पोट्र्स तथा अन्य सोशल एक्टिविटी के लिए भी बच्चों को प्रेरित करें। डीएम ने कहा कि शिक्षक होने का मतलब मात्र शिक्षा देना नहीं बल्कि बच्चों को ऐसे संस्कार भी दें कि वह जिम्मेदार नागरिक बनकर देश व प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकें।