मॉस्को। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के प्रमुखों की परिषद की 23वीं बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को कहा कि कुछ बाहरी ताकतों से रूस को खतरा हो सकता है, हालांकि रूसी समाज ने सशस्त्र विद्रोह की कोशिशों के खिलाफ एकजुटता दिखाई है और लोगों ने देश की सुरक्षा को लेकर अपनी जवाबदेही का प्रदर्शन किया है। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में रूस में प्राइवेट आर्मी वैग्नर ग्रुप ने मास्को के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। हालांकि, पुतिन के खिलाफ यह बगावत कुछ ही समय तक टिक सकी। इस घटना के बाद किसी बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुतिन की यह पहली उपस्थिति थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के प्रमुखों की बैठक को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष के बारे में कहा कि बाहरी ताकतें हमारी सीमाओं के पास परियोजनाएं चला रही हैं ताकि रूस की सुरक्षा को खतरे में डाला जा सके। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि पिछले आठ वर्षो से हथियारों की खेप भेजी जा रही है, डोनबास में शांतिप्रिय लोगों के खिलाफ आक्रामकता हो रही है जो नवनाजीवाद की तरह है।राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूसी लोग पहले से अधिक एकजुट हैं। देश की खातिर एकजुटता और उच्च जिम्मेदारी का साफ तौर पर प्रदर्शन किया गया और सशस्त्र विद्रोह के खिलाफ पूरे समाज ने एकजुटता दिखाई। एससीओ की बैठक में पुतिन ने कहा, इस अवसर पर मैं एससीओ के अपने सहयोगी देशों के सदस्यों को संवैधानिक व्यवस्था, जानमाल और नागरिकों की सुरक्षा करने में रूसी नेतृत्व का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि सभी एससीओ सदस्य देशों के साथ निर्यात लेनदेन में रूस की राष्ट्रीय मुद्रा की हिस्सेदारी वर्ष 2022 में 40 प्रतिशत से अधिक रही। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि एससीओ सही अर्थो में न्यायपूर्ण और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था सृजित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने एससीओ से आगे भी सहयोग की अपेक्षा की है।
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