लाहौर। गिलगित बाल्तिस्तान की स्थानीय अदालत ने कानून की फर्जी डिग्री से संबंधित मामले में मुख्यमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता खालिद खुर्शीद खान को अयोग्य करार दिया। इस फैसले को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई के लिए एक नया झटका माना जा रहा है। खालिद पर फर्जी डिग्री से गिलगित-बाल्तिस्तान बार काउंसिल से वकालत का लाइसेंस लेने का आरोप था।न्यायमूर्ति मलिक इनायत-उर-रहमान, न्यायमूर्ति जौहर अली और न्यायमूर्ति मोहम्मद मुश्ताक की तीन-सदस्यीय पीठ ने दलीलें सुनने के बाद मुख्यमंत्री को अयोग्य घोषित करने की याचिका पर आदेश पारित किया। गिलगित-बाल्तिस्तान विधानसभा के सदस्य और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता गुलाम शहजाद आगा ने खालिद की कानून की डिग्री को चुनौती देकर संविधान के अनुच्छेद 62 एवं 63 के तहत उन्हें अयोग्य घोषित करने की अपील की थी। खालिद के वकील एडवोकेट असदुल्लाह ने कहा कि वह फैसले को चुनौती देने वाले हैं।
उन्होंने कहा, हम विस्तृत आदेश का इंतजार कर रहे हैं और फिर इसके खिलाफ गिलगित बाल्तिस्तान की सर्वोच्च अपीलीय अदालत में अपील दायर करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अन्य सभी उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल होगा। खान की पार्टी पीटीआई मई में अपने समर्थकों द्वारा संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों पर अभूतपूर्व हमले के बाद अपने सबसे कठिन दौर का सामना कर रही है। पार्टी ने कहा कि वह खालिद के साथ खड़ी रहेगी, जिनके पास विधानसभा में बहुमत है। खालिद को 2020 में गिलगित-बाल्तिस्तान का मुख्यमंत्री चुना गया था। भारत लगातार यह कहता रहा है कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर राज्य, जिसमें तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल है, भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा।