चहनियां। कांवर स्थित महड़ौरी देवी सिद्धपीठ परिसर में अयोध्या पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर जी महाराज ने अपने प्रथम चातुर्मास मास के प्रथम दिन उपदेश में उन्होंने भगवत प्राप्ति के विभिन्न साधनों पर उपदेश दिया । बताया कि भगवान को पाना कलयुग में सबसे आसान है । अगर व्यक्ति भगवान को समर्पित करके अपने सारे कार्य करता है । भगवान उसके हर अच्छे-बुरे कर्मों को आत्मसात करते हैं क्योंकि श्रीमद्भागवत में ही एक ऐसा धर्म है । जिसमें कहा गया है कि मैं ही परम ब्रह्मा हूं । मेरी शरण में आओ मैं तुम्हें मोक्ष दूंगा । कहा कि कभी भी वेद विरुद्ध आचरण नहीं करना चाहिए । वेद व्यास जी ने जो लिखा है वहीं सभी मुनियों ने माना है। मनुस्मृति में भी सभी वर्णों को रहने व मोक्ष प्राप्त करने का साधन बताया गया है।इस दौरान प्रधानपति गृजेश सिंह, प्रधान धीरज सिंह, विंध्याचल तिवारी, रामदुलार पाण्डेय, रामनारायण निषाद, कपिल देव सिंह, राधेश्याम सिंह आदि लोग उपस्थित थे ।
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