नई दिल्ली। भारतीय कार बाजार में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है और कारों की बिक्री पहली बार वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में 20 लाख का आंकड़ा पार कर सकती है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी भारत में साल के पहले 6 महीनों में हुई कार बिक्री की संख्या मेक्सिको, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में पूरे वर्ष के दौरान हुई बिक्री के बराबर है। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी शशांक श्रीवास्तव को उम्मीद है कि जून में कारों की बिक्री लगभग 325,000 से 328,000 यूनिट होगी। इसका मतलब है कि पिछले वर्ष जून में 321,000 पैसेंजर कारों की बिक्री की तुलना में सालाना आधार पर इसमें 2.5 प्रतिशत की वृद्धि होगी। श्रीवास्तव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पैसेंजर कार की बिक्री जून तिमाही के अंत में लगभग 996,000 यूनिट पर पहुंच जाएगी। वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 1,017,000 यूनिट की बिक्री हुई थी। इन दोनों तिमाहियों के आंकड़ों को मिला दिया जाए तो उद्योग पहली बार किसी वर्ष की पहली छमाही जनवरी से जून में 20 लाख वाहन बिक्री का आंकड़ा पार कर जाएगा। बता दें कि भारत के पैसेंजर कार बाजार में 2023 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिससे यह लगातार तीसरी छमाही में बिक्री वृद्धि के दोहरे अंकों में बढ़ने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में घरेलू कार की बिक्री में 16 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आंकड़ों के अनुसार यदि पैसेंजर कारों की बिक्री में वृद्धि की गति दूसरी छमाही तक बनी रही, तो भारत 2023 में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार बन सकता है।
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