फाफामऊ में बच्ची का शव दफनाने पहुंचे परिजनों को पुलिस ने रोका, निगम ने जलवाई चिता

प्रयागराज।फाफामऊ घाट पर शवों के मिलने का सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। इस बीच शवों को दफनाने के लिए भी लोग लगातार पहुंच रहे हैं। ऐसे मामलों में नगर निगम खुद ही अंतिम संस्कार करवा रहा है। सोमवार को भी घाट पर एक बच्ची का शव दफनाने के लिए पास के गांव से कुछ लोग पहंचे। सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस ने उनको शव दफनाने से रोक दिय। जिसके बाद नगर निगम के अफसर पहुंचे और अंतिम संस्कार कराया।कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में फाफामऊ घाट पर रेत में सैकड़ों शव मिलने के बाद दफनाने पर रोक लगा दी गई है। सोमवार को फाफामऊ से लगे बरछनपुर गांव से चार वर्षीया बच्ची का शव परिजन दफनाने पहुंचे। गड्ढा खोदा जा रहा था, तभी किसी ने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी। कुछ देर में ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और फिर जानकारी पाकर नगर निगम के अफसर भी आ गए। गड्ढा खोदने से रोक दिया गया। नगर निगम के जोनल अधिकारी नीरज कुमार सिंह व अन्य कमिNयों का कहना था कि सनातनी परंपरा के अनुसार कर्मकांड और श्राद्ध के बाद दाह संस्कार से ही आत्मा को शांति मिलती है।वैसे भी इस घाट पर शवों को दफनाने पर रोक लगाई जा चुकी है। ऐसे में चिता लगाकर ही अंतिम संस्कार कराना जाना चाहिए। मृतका के पिता ज्ञानचंद्र का कहना था कि उसके परिवार में अंतिम संस्कार की परंपरा हमेशा से दफनाने की ही रही है। ऐसे में वह शव को दफनाना चाहता है। इस दौरान वह कुछ देर के लिए वहां से चला भी गया। अंतत: नगर निगम ने लकड़ी, घी और रामनामी मंगाकर अंतिम संस्कार करवाया। ज्ञानचंद्र ने मुखाग्नि दी।गंगा की कटान से सोमवार को चार शव फिर निकाले गए।