मुंबई। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के इन्वेस्टर्स के लिए मार्केट खुलने से पहले गुड न्यूज आई है। आरबीआई ने रिलायंस को कारोबार का विस्तार करने के लिए अपने पास दो अरब डॉलर की अतिरिक्त रकम रखने की अनुमति दी है। यह रकम पिछले वित्तीय साल में जुटाई गई तीन अरब डॉलर से अलग है। सूत्रों के मुताबिक मुकेश अंबानी की कंपनी ने जो रकम जुटाई थी, वह आरबीआई की अनिवार्य लिमिट से ज्यादा थी। इसकारण कंपनी ने केंद्रीय बैंक की अनुमति मांगी थी। कंपनी इस रकम का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल को फंड करने और अपने न्यू एनर्जी तथा टेलिकॉम बिजनस को फैलाने के लिए करना चाहती है। साथ ही कंपनी इससे अलग दो अरब डॉलर और जुटाना चाहती है। इसका इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडीचर और सितंबर में मैच्योर हो रहे दूसरे लोन को रिफाइनेंस करने के लिए कर सकती है।सूत्र ने बताया कि रिलायंस की मजबूत क्रेडिट रेटिंग और कैश फ्लो को देखकर मार्च में दुनियाभर के बैंक कंपनी की लोन एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए उत्सुक थे। दो राउंट के सिंडिकेशन के बाद भी लोन के लिए मजबूत मांग बनी हुई थी। इसका मतलब है कि बैंक अब भी कंपनी को पैसा देना चाहते हैं। इसकारण कंपनी ने अपनी जरूरत से ज्यादा पैसा रिटेन करने का फैसला किया है। यह पहला मौका नहीं है जब आरबीआई इस तरह की अनुमति दी है। रिलायंस भी इससे पहले केंद्रीय बैंक से इस तरह की परमिशन मांग चुकी है। रिलायंस का शेयर लंबे समय से एक सीमत रेंज में ट्रेड रहा है। लेकिन जल्दी ही कंपनी का शेयर रॉकेट बन सकता है। रिपोर्ट के अनुसार क्लीन एनर्जी बिजनस आने वाले दिनों में रिलायंस के लिए ग्रोथ का नया इंजन बनने जा रहा है। फर्म का कहना है कि कंपनी का शेयर अपने मौजूदा लेवल से 21 फीसदी ऊपर जा सकता है। रिलायंस का मार्केट कैप के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी है। रिलायंस न्यू एनर्जी बिजनस में 2030 तक 10 अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल कर सकती है। 2050 तक रिलायंस न्यू एनर्जी के शेयर की वैल्यू 1200 से 2200 रुपये तक हो सकती है जो मौजूदा वैल्यूएशन से 10 फीसदी अधिक है।
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