पीडीडीयू नगर।नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) द्वारा एक स्वास्थ्य गोष्ठी का आयोजन बाल चिकित्सालय दुलहीपुर में हुआ जिसमें नीमा प्रदेश प्रवक्ता डॉ ओ पी सिंह ने कहा कि वातावरण में परिवर्तन के कारण हम रेकॉर्ड तोड़ गर्मी का सामना कर रहे है।सूरज की तेज धूप इतनी बढ़ जाती है कि घर से बाहर कदम रखते ही ऐसा एहसास होता है, कि कहीं कहीं हमारा पूरा शरीर जल न जाए।बाहर की इस तीव्र गर्मी का असर हमारे शरीर के अंदर के हिस्सों में भी होता है।ज्यादा धूप में घूमने से कई लोगों को हीट स्ट्रोक भी लगता है।सामान्य स्थिति में मनुष्य के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस यानी की 98.5 फ़ारेनहाइट जीतना होता है। ज़्यादा गर्मी और कुछ अन्य कारणों से भी हमारे शरीर का तापमान बढ़ता है।ज्यादा गर्मी लगने से आपकी त्वचा लाल हो जाती है और छुने से ही आपको गर्माहट का एहसास होता है।तेज बुखार या सिर दर्द होगा,बीमार महसूस करेंगे,लगेगा की जैसे शरीर में जान बाकी नहीं है।मतली और उल्टी जैसा महसूस होगा।शरीर में गर्मी बढ़ने से हार्ट रेट तेज़ होता है।कई लोगो को डिहाईड्रेशन होता है और चक्कर भी आते है।ज्यादा गर्मी से कई लोगो की मानसिक स्थिति पर भी असर देखने को मिलता है।शरीर का पानी कम होता है और आपकी त्वचा सूखी लगने लगती हैं।कैप,सनग्लास और सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें।पेय पदार्थ ज्यादा लें -गर्मी के मौसम में ठोस आहार की बजाए तरल पेय पदार्थ जैसे ठंडा पानी,नीबू पानी,नींबू शिकंजी,शर्बत,कैरी का पना,फलों का रस,छाछ, लस्सी ज्यादा मात्रा में लें, इनसे शरीर में तरावट बनी रहेगी और ऊर्जा का स्तर भी बना रहेगा।आम के अलावा तरबूज एक और ऐसा फल है जो भारत में गर्मी के मौसम में अक्सर पकड़ा जाता है। आमतौर पर तरबूज पीने में पानी की मात्रा 92% तक होती है,जो डिहाइड्रेशन को रोकने और शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगा।अगर नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए तो यह आपके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।गोष्ठी में प्रमुख रूप से डॉ मनोज सिंह,डॉ अंकित सिंह, दीपक पटेल,शाहबुद्दीन,(मंटु) प्रकाश साहनी,अनिकेत सेठ, राहुल पटेल,हाजी रसीद, संजीव प्रजापति,प्रदीप,सुमन, किशन पटेल अन्य मौजूद रहे।
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