चेन्नई। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि कई क्षेत्रों में औसत पूंजी निवेश 20 प्रतिशत से अधिक दर से बढ़ रहा है और कई संकेतक भारतीय अर्थव्यवस्था के रफ्तार में होने की तरफ इशारा कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को कम करके 5.9 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 4.5 प्रतिशत पर लाने का वित्त मंत्रालय का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। नागेश्वरन ने उद्योग मंडल फिक्की की तरफ से आयोजित एक परिचर्चा में कहा कि पिछले वर्ष कई क्षेत्रों में औसत पूंजी निवेश में 20 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में होटल और आतिथ्य क्षेत्र में तो पूंजीगत व्यय एक साल पहले की तुलना में 80 प्रतिशत से भी अधिक रहा। कोविड-पूर्व दौर में आतिथ्य क्षेत्र में जहां कुल रोजगार चार करोड़ था और महामारी के दौरान यह घटकर 2.9 करोड़ रह गया था, वह अब बढ़कर 4.5 करोड़ हो चुका है। आतिथ्य क्षेत्र में कोविड से पहले की तुलना में अब 50 लाख ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि निर्माण क्षेत्र काफी तेजी से बढ़ रहा है और विदेशी पर्यटकों का आगमन अब महामारी-पूर्व के रुझानों तक पहुंच रहा है। जहां उद्योग की वृद्धि दर तेल की ऊंची कीमतों के कारण अस्थायी रूप से धीमी पड़ती दिख रही है वहीं सेवा क्षेत्र की वृद्धि काफी मजबूत है और कृषि क्षेत्र में भी वृद्धि तीन-चार प्रतिशत के बीच बनी हुई है। उन्होंने भारत को एक खुली अर्थव्यवस्था बताते हुए कहा कि भारत इस वर्ष वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बनने वाला है। इसमें भारत की डिजिटल स्वीकार्यता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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