सोनभद्र। जिला ग्रामोद्योग व खादी कार्यालय द्वारा उ0प्र0 माटी कला बोर्ड के तत्वाधान में 30 लाभार्थियों को सदस्य हरेन्द्र कुमार प्रजापति, सांसद राज्यसभा राम शकल, विधायक सदर भूपेश चैबे द्वारा प्रमाण पत्र व विद्युत चालित चाक का निःशुल्क वितरण जिला ग्रामोद्योग कार्यालय के पास मैदान में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सदस्य, सांसद राज्यसभा राम शकल, विधायक सदर, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह द्वारा गॉधी जी के चित्र पर माल्यापर्ण कर किया गया। इस अवसर पर उ0प्र0 माटीकला बोर्ड के सदस्य हरेन्द्र कुमार प्रजापति ने उपस्थित कुम्हार/प्रजापति को अवगत कराया कि प्रदेश में मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों एवं शिल्पियों के व्यवसाय वृद्धि करने वाले तत्सम्बन्धित कलाकारों के परम्परागत कला को संरक्षित और सम्बर्धित करते हुए उनकी समाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुदृढ़ता एवं तकनीकी विकास को बढ़ावा देने व विपणन आदि की सुविधा उपलब्ध कराने तथा परम्परागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं सम्बन्र्धित करते हुए अधिकाधिक लोगों को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उ0प्र0 माटीकला बोर्ड का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से प्रतिदिन आठ घण्टे में चार से पॉच हजार तक कुल्हड़ तैयार होंगे जिनकों बेचकर चार से पॉच हजार की आमदनी होगी। उन्होंने कुम्हारों को व्यवसाय के नये टेªडिंग व पैकेजिंग पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि शादी विवाह व अन्य समारोह में, मॉल व बड़े स्तरों पर काफी, चाय, लस्सी, आदि के लिए डिजाईनर कुल्हड़/ग्लास को पसन्द किया जा रहा है। अब कुम्हारों को समय व आवश्यकता के अनुसार अपने परम्परागत व्यवसाय में नवाचार पहल करने की उपयोगिता है। उन्होंने कहा कि प्रजापति समाज कुल्हड़ बनाकर देश की माटी को चुनने का सभी को अवसर प्रदान करता है। इस अवसर पर सांसद राज्य सभा राम शकल जी ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘वोकल फार लोकल’ एवं मुख्यमंत्री के ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ के द्वारा स्थानीय कलाकारों के उत्पादों को बल मिला है, आज वितरित इलेक्ट्रिक चाक के माध्यम से हम अपने परम्परागत व्यवसाय व तकनीकी में आधुनिकता का नवाचार किया गया है। इस अवसर पर माननीय विधायक सदर भूपेश चैबे ने बताया कि औद्योगिक जगत द्वारा कच्चे मॉल के रूप में माटी का प्रयोग कर मूर्तिया, खिलौने, बर्तन, नरियॉ इत्यादि वस्तुएॅ बनाने का प्रचलन सदियों से रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों के प्रयोग से स्वास्थ्य के साथ पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए सरकार माटीकला के विभिन्न योजनाओं द्वारा स्वरोजगार को प्रेरित कर रही है, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के नेतृत्व में समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा इस तरह की जन कल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की गयी, जिससे जन-जन का विकास हो रहा है और वह विकास की मुख्य धारा से जुड़े रहे हैं। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी अमितेश कुमार सिंह ने बताया कि माटीकला के परम्परागत उपकरणों के साथ कार्य करना कारीगरों के लिए अत्यन्त श्रम साध्य है, इससे उत्पादकता भी प्रमाणित होती है, आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर माटीकला कारीगरों के आय में वृद्धि करने के उददेश्य से, कारीगरों/शिल्पियों को टूल किट्स वितरित किया जाता है साथ ही लाभार्थियों को विभागीय मण्डलीय प्रशिक्षण केन्द्रो पर माटीकला के नवीन तकनीकी व टूल किट्स संचालन का तीन दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया जाता है, प्राप्त आवेदन पत्रों में से 30 लाभार्थियों का चयन जनपद स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया गया था। लाभार्थियों का चयन उनकी आर्थिक स्थिति व माटीकला का अनुभव तकनीकी ज्ञान विपणन योग्यता इत्यादि के आधार पर किया जाता है, जिला खादी ग्रामोद्योग ने मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना, माटीकला कौशल विकास योजना, माइक्रो माटीकला, कामन फैसिलिटी सेन्टर योजना, माटीकला पुरस्कार योजना सहित ग्रामोद्योग व खादी बोर्ड की स्वरोजगारपरक योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए आवेदन फार्म व अधिक जानकारी के लिए जिला ग्रामोद्योग खादी कार्यालय नियर मिशन अस्पताल, रॉबट्र्सगंज, पर सम्पर्क करने की अपील किया। मुख्य अतिथि हरेंद्र कुमार प्रजापति माननीय सदस्य उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड, विशिष्ट अतिथि भूपेश चैबे विधायक सदर, राम सकल सांसद राज्य सभा, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी अमितेश कुमार सिंह, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह व सहायक विकास अधिकारी राजेश कुमार सिंह, महेश कुमार मौर्य, रमेश, अर्पिता, पवन कुमार तथा अन्य जनमानस उपस्थित रहे।
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