तिरुवनंतपुरम। केरल ने अपना खुद का इंटरनेट बना लिया है। इस तरह से सोमवार को अपनी खुद की ब्रॉडबैंड सेवा के-फोन या ‘केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क’ रखने वाला देश का पहला और इकलौता राज्य बन गया है। के-फोन मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लोगों के लिए इंटरनेट की पहुंच में सुधार के लिए शुरू की गई एक पहल है। इंटरनेट सेवा की शुरुआत करते हुए, मुख्यमंत्री ने सार्वभौमिक इंटरनेट पहुंच की वकालत की और केरल को एक ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने और एक नवाचार-संचालित समाज को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इस पहल की सराहना की। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि जंगल के अंदरूनी हिस्सों में इदमालाकुडी सहित के-फोन के माध्यम से सभी जगह पर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने से, ‘कोई भी पीछे नहीं रहेगा और हर कोई केरल की वास्तविक कहानी का हिस्सा होगा।’ के-फोन या केरल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क की बात करें तो के-फोन केरल सरकार की खुद की ब्रॉडबैंड सेवा या इंटरनेट सेवा है। मुख्यमंत्री विजयन ने के-फोन को कॉर्पोरेट संचालित टेलीकॉम सेक्टर के वैकल्पिक मॉडल के रूप में पेश किया है। दरअसल यह कदम ‘निजी क्षेत्र के केबल नेटवर्क और मोबाइल सेवा प्रदाताओं के शोषण से लोगों को मुक्त करके’ डिजिटल डिवाइड को पाटने का एक प्रयास है। के-फोन अन्य इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के समान ही हाई स्पीड और क्वालिटी प्रदान करती है, वह भी किफायती दरों पर। के-फोनके सबसे सस्ते प्लान की कीमत 20 एमबीपीएस की गति के साथ 299 (जीएसटी को छोड़कर) प्रति माह होगी। यह हर महीने 3,000 जीबी की मुफ्त डाउनलोड सीमा के साथ आता है। के-फोन के सबसे महंगे प्लान की कीमत 250 एमबीपीएस की स्पीड के साथ 1,249 (जीएसटी को छोड़कर) है। यह प्लान प्रति माह 5,000 जीबी की मुफ्त डाउनलोड सीमा के साथ आता है। इस सर्विस के लिए राज्य भर में 1,500 करोड़ रुपये की लागत से 35,000 किमी ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। इसे केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड द्वारा फंड किया गया है।
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