अविरल जल गोष्ठी में जल संचयन और संरक्षण पर दिया गया जोर

बांदा। जनपद को पानीदार बनाने के लिए जिले में अविरल जल अभियान धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है। अभियान के तहत गोष्ठियों का दौर जहां जिला, तहसील और ब्लाक स्तर से होते हुए अब ग्राम प्रचायत स्तर तक पहुंच गया है, वहीं मुख्यालय से लेकर गांवों तक लोगों को पानी बचाने के प्रति जागरूक करने का अभियान चलाया जा रहा है।गुरुवार को महुआ विकास खंड के पतौरा के सचिवालय सभागार में अविरल जल गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता ग्राम प्रधान विनीता ओमप्रकाश त्रिपाठी ने की और मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री सम्मान से विभूषित जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय मौजूद रहे। मुख्य अतिथि जलयोद्धा श्री पांडेय ने खेत पर मेड़-मेड़ पर पेड़ अभियान की बारीकियां समझाते हुए कहा कि भूगर्भ जलस्तर को नीचे जाने से रोकने के लिए यह अभियान वरदान साबित होगा। उन्होंने जलग्राम जखनी का उदाहरण देते हुए बताया कि जखनी में किसानों ने अभियान को अंगीकृत किया और गांव में फसल के उत्पादन में इजाफा के साथ ही भूगर्भ जल स्तर भी धीरे धीरे ऊपर उठने लगा है। उन्होंने लोगों को पानी बचाने और उसे जमीन के अंदर पहुंचाने के लिए स्वयं जागरूक होने का आह्वान किया। कहा कि जब तक गांव-गांव लोग पानी के प्रति स्वयं जागरूक नहीं होंगे तब तक क्षेत्र को पानीदार नहीं बनाया जा सकता। गोष्ठी को संबोधित करते हुए ग्राम प्रधान विनीता ओमप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि सबसे पहले छोटी-छोटी पहल करके जल की बर्बादी को रोकना होगा। कहा कि पानी बचाने के लिए मेड़बंदी, तालाब समतलीकरण, सोक पिट और अमृत सरोवरों के निर्माण व संरक्षण का जिम्मा गांव के एक-एक व्यक्ति को उठाना होगा। तभी जनपद को पानी-पानी किया जा सकता है। सूखे जनपद को हरा भरा बनाने के लिए जलसंरक्षण की ओर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी संजीव बघेल ने सरकार द्वारा संचालित अविरल जल अभियान की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। बताया कि अविरल जल अभियान के तहत गांव-गांव लोगों को जल संरक्षण और संचयन के प्रति जागरूक किए जाने की योजना है, जिसके तहत मेड़बंदी और तालाबों का संरक्षण आदि प्रमुख हैं। उन्होंने गांवों में सोक पिट निर्माण को लेकर भी जोर दिया। गोष्ठी में सचिव शेफाली मिश्रा, अटल भूजल मिशन के अखिलेश पांडेय, जल जीवन मिशन के प्रतिनिधि आशीष सिंह, ओमप्रकाश शुक्ला, रामभरोसे द्विवेदी, मोहित द्विवेदी, ब्रजकिशोर त्रिपाठी, अच्छेलाल यादव, लल्लू यादव, मुलायम सिंह यादव समेत आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीण शामिल रहे।