लखनऊ। रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन्स सेन्टर उत्तर प्रदेश में प्रोफेसर रवि शंकर चतुर्वेदी मेमोरियल लेक्चर सीरीज के अर्न्तगत फराह बानो वुमेन साइंटिस्ट्स टाइफेक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बौद्धिक जागरुकता पर व्याख्यान दिया गया।डा० एम०एस० यादव, चेयरमैन सेमीनार एवं हाल प्रबन्धन कमेटी द्वारा फराह बानोवुमेन साइंटिस्ट्स का स्वागत किया एवं उनके द्वारा किये गये कार्यो से अवगत कराया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा० पी० कुँवर, निदेशक रिमोट सेन्सिंग सुशील चन्द्रा, अमित सिन्हा, डा० अनिरुद्ध उनियाल एवं लगभग 100 परियोजना वैज्ञानिक द्वारा प्रतिभाग लिया गया।मैडम फराह बानो ने अपने व्याख्यान में बौद्धिक सम्पदा को किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा सृजित करना एवं कोई संगीत, साहित्यिक कृति, कला, खोज, प्रतीक नाम, चित्र, डिजाइन, कापीराइट, ट्रेडमार्क, पेटेन्ट आदि के बारे में जानकारी उपलब्ध करायी। जिस प्रकार कोई किसी भैतिक धन का स्वामी होता है, उसी प्रकार कोई बौद्धिक सम्पदा का भी स्वामी हो सकता है। निदेशक डा० पी०कुँवर, ने व्याख्यान की सराहना की। डा० उनियाल ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद दिया गया।
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