जिनपिंग सरकार ने शुरु ‎किया म‎स्जिदों को तोड़ना, इस्ला‎मिक देश खामोश

बीजिंग। चीन की शी जिनपिंग सरकार ने अपने देश में म‎स्जिदों को तोड़ना शुरु कर ‎दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उइगर मुस्लिमों के क्रूर दमन के बाद चीन ने मस्जिदों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है। ले‎किन इस्ला‎मिक देश इस घटना पर खामोश हैं। हा‎लिया ‎स्थि‎ति के मद्देनजर चीन के दक्षिण-पश्चिम इलाके में मुस्लिम बहुल इलाके में एक प्राचीन मस्जिद को तोड़ा जाना है जिसको लेकर बवाल मच गया है। पुलिस और स्‍थानीय मुस्लिमों के बीच मस्जिद को लेकर झड़प भी हुई है और इसका वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। बताया जा रहा है कि यह मस्जिद कई सौ साल पुरानी है। चीन की सरकार इस मस्जिद के गुंबद को तोड़ना चाहती है। इस पूरे घटनाक्रम पर पाकिस्‍तान, कतर, तुर्की समेत इस्‍लामिक देशों ने चुप्‍पी साध रखी है। चीन की सत्‍तारूढ़ कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की सरकार देश में मुस्लिमों पर अपने दमन चक्र को तेज कर रही है और इस्‍लामिक पहचान को मिटाने में जुट गई है। इसी के तहत मस्जिद को तोड़ा जाना है। वायरल हुए इस घटना के वीडियो में नजर आ रहा है कि मुस्लिमों की भीड़ और चीनी पुलिस के बीच झड़प हुई है। ‎जिसमें चीनी पुलिस अधिकारी नाजिआयिंग मस्जिद में घुसना चाहते थे। चीनी नागरिकों के कड़े विरोध के बाद पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। इसके बाद स्‍थानीय लोग वहीं मस्जिद के बाहर धरने पर बैठ गए। इस मस्जिद में हाल ही में मिनार और गुंबद की छत को बनाया गया था। चीनी कोर्ट ने इसे अवैध करार दिया है। अब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समयसीमा दी है। अधिकारियों ने हजारों की तादाद में पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। यही नहीं मुस्लिम बहुल नागू शहर से कई लोगों को अरेस्‍ट किया है। पुलिसकर्मी किसी भी हालत में 4 मिनारों को तोड़ना चाहते हैं। इस मस्जिद का निर्माण 13वीं सदी में किया गया था। गौरतलब है ‎कि चीन का यूनान प्रांत मुस्लिमों का गढ़ है जो अब चीन की सरकार के निशाने पर हैं। चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने कम्‍युनिस्‍ट पार्टी को निर्देश दिया है कि वह देश के धार्मिक अल्‍पसंख्‍यकों का चीनीकरण करे। एक चीनी नागरिक ने कहा कि पुलिसकर्मी जबरन मस्जिद को तोड़ना चाहते थे और इसी वजह से यहां के लोग उन्‍हें रोक रहे थे। मस्जिद मुस्लिमों के लिए घर की तरह से है। अगर वे इसे तोड़ने की कोशिश करेंगे तो वे इसे होने नहीं देंगे। उधर, चीन सरकार ने कहा कि इस घटना से सामाजिक प्रबंधन में बाधा आई है।