नयी दिल्ली|दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अब तो मोदी सरकार ने भी अपनी रिपोर्ट में मान लिया है कि पिछले 20 सालों में भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम ने अपने स्कूलों का बेड़ा गर्क कर दिया है और वह देश के सबसे पिछड़े स्कूल बन चुके है।श्री सिसोदिया ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी के स्कूलों का सच उजागर किया।उन्होंने कहा कि अब तो मोदी सरकार ने भी अपनी इस रिपोर्ट में मान लिया है कि पिछले 20 सालों में भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी ने इन स्कूलों का बेड़ा गर्क कर दिया है और स्कूलों की इतनी बुरी हालत हो चुकी है कि दिल्ली एमसीडी के स्कूल आज देश के सबसे पिछड़े स्कूल बन चुके है। इससे दिल्ली की छवि खराब हो रही है। शिक्षा को लेकर अपने नाकारापन और उदासीनता से भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी ने अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है।उप मुख्यमंत्री ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार के 98 प्रतिशत स्कूलों में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार कानून आरटीई मानकों के अनुसार छात्र .शिक्षक अनुपात ;पीटीआर द्ध है लेकिन पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 58 प्रतिशत स्कूलों उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 46 प्रतिशत स्कूलों व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के 39प्रतिशत स्कूलों में पीटीआर इस कानून के मानकों के अनुसार नहीं है। ये रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी अपने नाकारापन के कारण अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षक तक नहीं दे पाई है। और दिल्ली का नाम खराब करने का काम कर रही है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में एक ओर जहां दिल्ली सरकार के स्कूलों की इमारतों को विश्वस्तरीय बनाया गया है नए स्कूल बनाए जा रहे है स्कूल सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस है। शिक्षकों की लगातार नियुक्तियां की जा रही है बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए नए.नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गईं हैए शिक्षकों को विदेशों में ट्रेनिंग दी जा रही है। उसके विपरीत भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को न तो शिक्षक उपलब्ध करवा पा रही है और न ही अपने स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं तक मुहैय्या करा पा रही है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस रिपोर्ट के बाद व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी से पढ़ने वाले भाजपा के नेताओं को अपने गिरेबान में झांकने की ज़रूरत है और उन्हें शर्म आनी चाहिए कि 20 साल से एमसीडी की सत्ता में होने के बावजूद उन्होंने एमसीडी स्कूलों की शिक्षा का बेड़ा गर्क कर दिया है। दिल्ली सरकार ने अपनी मेहनत से दिल्ली के स्कूलों को 98प्रतिशत तक पहुंचा दिया है लेकिन भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी के शिक्षा को लेकर उदासीन रवैये से ये पिछड़ापन दिखता है।केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एकीकृत जिला सूचना शिक्षा प्रणाली तंत्र ;यूडीआइएसडीद्ध प्लस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के स्कूलों का पीटीआर भाजपा शासित दिल्ली एमसीडी के ख़राब पीटीआर की वजह से देश के औसत से अधिक है। दिल्ली एमसीडी के लगभग 50 प्रतिशत स्कूलों में पीटीआर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मानकों के अनुसार नहीं है। वहीं दिल्ली सरकार के 98 प्रतिशत स्कूलों में मानकों के अनुसार शिक्षक हैं।