अंकारा। तुर्किये की सत्ता पर 20 सालों से काबिज रेसेप तैयप एर्दोगन एक बार फिर तुर्किये के राष्ट्रपति पद के लिए चुन लिए गए हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एर्दोगन को 52 प्रतिशत मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिकदारोग्लू को 48 प्रतिशत वोट मिले। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव के पहले राउंड में कोई भी उम्मीदवार 50 प्रतिशत मत हासिल नहीं कर पाया था। पहले राउंड में एर्दोगन को 49.24 प्रतिशत और कमाल केलिकदारोग्लू को 45.6 प्रतिशत मत मिले थे। दरअसल, तुर्किये के नियमों के मुताबिक राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए 50 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल करने होते हैं, इसलिए जब पहले चरण के मुकाबले में जब कोई निर्णय नहीं हो पाया तो 28 मई को दोबारा से चुनाव कराये गये। दरसल, तुर्किये अत्यधिक महंगाई और कई शहरों को प्रभावित करने वाले भूकंप के प्रभाव से जूझ रहा है। वहीं एर्दोगन का निरंकुश शासन जारी रहेगा। इस तीसरे कार्यकाल में एर्दोगन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होंगे तथा इस चुनाव के परिणामों का असर राजधानी अंकारा के बाहर भी महसूस किया जाएगा। माना जाए तो तुर्किये यूरोप और एशिया दोनों के लिए अहम है और यह उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस्तांबुल में वोट डालने के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह तुर्किये के इतिहास में पहला राष्ट्रपति चुनाव है, जिसमें दूसरे दौर का मतदान हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं आगामी पांच वर्षों के लिए एक बार फिर से इस देश पर शासन करने की जिम्मेदारी सौंपने के वास्ते अपने राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य का शुक्रिया अदा करता हूं। एर्दोगन ने अपने प्रतिद्वंद्वी कमाल केलिकदारोग्लू का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि बाय बया बया, कमाल। उन्होंने कहा कि आज सिर्फ तुर्किये विजेता है।
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