मुम्बई। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को आईपीएल के पहले क्वालीफायर में गुजरात टाइटंस के खिलाफ की गयी अपनी चालाकी भारी पड़ सकती है जिससे उन्हें फाइनल से भी बाहर बैठना पड़ सकता है। इस मैच में धोनी ने अंपायर से बेवजह बहस कर समय बर्बाद किया था। इस मैच में सीएसके ने गुजरात टाइटंस को हराया था पर धोनी विवादों में फंस गये। इस मैच में विवाद तब शुरु हुआ जब तेज गेंदबाज मथीशा पथिराना को चोट के कारण मैदान से बाहर रहने के बाद वापसी के फौरन बाद गेंद दी गयी। धोनी ने उन्हें दूसरा ओवर कराने के लिए गेंद थमा दी। इसपर अंपायर ने कहा कि उन्हें कुछ समय बाद ही ओवर दिया जा सकता है। तब धोनी अंपायर से बहस करने लगे। इससे कई मिनट तक मैच रुका रहा। इस दौरान तय समय भी पूरा हो गया जिसके बाद पथिराना को गेंदबाजी मिल गयी। धोनी की चाल भले ही कामयाब रही. लेकिन, कई पूर्व दिग्गजों ने धोनी के साथ-साथ इसको लेकर अंपायरों की भूमिका पर भी सवाल उठाए.नियम के अनुसार कोई खिलाड़ी जो आंतरिक चोट के इलाज के लिए मैदान छोड़ता है। या किसी अन्य कारण से मैदान से बाहर जाता है तो वापसी पर गेंदबाजी की अनुमति मिलने से पहले उसे उतना ही समय मैदान पर बिताना होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, महेंद्र सिंह धोनी फील्ड जमा रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि अंपायर अनिल चौधरी मथीशा पथिराना से बात कर रहे हैं। इसके बाद धोनी स्क्वेयर लेग पर खड़े अंपायर क्रिस गैफनी के पास गए और ये जानकारी ली कि अंपायर उनके गेंदबाज से क्या बात कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, धोनी को अंपायर ने ये जानकारी दी कि नियमों के तहत पथिराना को गेंदबाजी करने से पहले कुछ वक्त इंतजार करना पड़ेगा. हालांकि, धोनी ने इस बात को लेकर बहस की कि उनके पास पथिराना से गेंदबाजी कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
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