संभावित रोगियों की जांच में जिला पीछे, सिर्फ 60 फीसदी टीबी जांच

सिद्धार्थनगर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने प्रदेश भर में चल रहे क्षय उन्मूलन विशेष अभियान की 23 मई की शाम जूम एप पर समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने सिद्धार्थनगर जिले को नसीहत देते हुए व्यवस्था सुधार का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि टीबी के संभावित रोगियों की जांच में जिला पीछे है। प्रति एक लाख की आबादी में दो हजार टीबी के संभावित रोगियों की जांच होनी चाहिए। यह तरीका अपनाने पर ही जिला टीबी मुक्त हो सकेगा, लेकिन अभी मात्र 60 फीसदी तक ही जांच पहुंच सकी है। यह कुल संख्या के मात्र 600 जांच हैं। इसे सुधार करने में सीएचओ की पूरी मदद लें।उन्होंने कहा कि चार बिंदुओं पर विशेष तरह से फोकस करने की जरूरत है। पहला आयुष्मान भारत केंद्र पर तैनात सीएचओ के माध्यम से टीबी के प्रति समुदाय को जागरूक करें और लोगों को लक्षण के बारें में जानकारी दें। दूसरा सीएचओ अधिक से अधिक टीबी संभावित रोगियों का सैंपल इकट्ठा करें और सैंपल ट्रांसपोर्टर के माध्यम से सभी सैंपल लिंक माइक्रोस्कोपी सेंटर तक जांच के लिए पहुंचाना सुनिश्चित करें। तीसरा सभी इकट्ठा सैंपल की जांच एक दिन में होकर अगले दिन तक रिपोर्ट आ जाए। चौथा जांच रिपोर्ट में अगर कोई पॉजिटिव मिलता है तो उसका तत्काल उपचार प्रारंभ करें। मुख्य सचिव ने कहा कि अधिक से अधिक संभावित रोगियों की जांच होने पर पंचायत क्षय रोग मुक्त और ब्लॉक क्षय रोग मुक्त होगा। इसके बाद ही जिले के क्षय मुक्त होने की परिकल्पना पूरी हो सकेगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि निक्षय पोर्टल के सभी बिंदुओं के अधूरे रिपोर्ट को तत्काल पूरा करना सुनिश्चित करें। समीक्षा बैठक में शामिल जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डीके चौधरी ने मुख्य सचिव को जिले की स्थिति से अवगत कराया। इस दौरान मीटिंग में डीपीएम राजेश शर्मा, एनटीईपी के जिला समन्वयक पंकज त्रिपाठी, जिला पीपीएम समन्वयक सतीश मिश्रा, लेखा प्रबंधक राजेश शर्मा आदि शामिल रहे।