कोलकाता।पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सूबे की मुखिया ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘राजनीतिक साजिश रचने’ के लिए राज्य सचिवालय नबन्ना का इस्तेमाल ‘अनैतिक’ तरीके से करने का आरोप लगाया।श्री अधिकारी ने ट्वीट कर कहा “तृणमूल कांग्रेस की पार्टी नेता सुश्री ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के खिलाफ कल एक राजनीति षडयंत्र केतहत राज्य मुख्यालय नबन्ना का इस्तेमाल अनैतिक तरीके से किया।”उन्होंने कहा “ इस पूरे प्रकरण में चिंताजनक पहलू यह है कि पश्चिम बंगाल के राज्य सचिव डॉ़ हरिकृष्ण द्विवेदी (आईएएस) भी ऐसी राजनीतिक बैठक में मौजूद रहे।”नंदीग्राम से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ने सवालिया लहजे में पूछा, “आप इस बात का खंडन करें, इसका इंतजार आलोचक नहीं कर सकते। इसमें क्या बुराई दो तिहाई मुलाकातें राज्य सचिवालय में होती हैं तो मेरा आपसे विनम्र सवाल है कि मुलाकात का विषय क्या था।”श्री अधिकारी ने फिर से सवाल करते हुए पूछा, “क्या दिल्ली सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच किसी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए या फिर दिल्ली सरकार ने पश्चिम बंगाल की सरकार को उनकी आबकारी नीति बनाने में किसी तरह की मदद की पहल की है। पश्चिम बंगाल का शिक्षा विभाग दिल्ली के शिक्षा विभाग को प्रशिक्षित करेगा ताकि बता सके कि अध्यापकों की भर्ती किस तरह से निष्पक्ष और ईमानदारी सेे कैसे संचालित किया जाए।”इससे पहले मंगलवार को सुश्री बनर्जी ने कहा, “आज, मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राघव चड्डा, संजय सिंह और आतिशी मार्लेना से नबन्ना में मुलाकात की। उनके साथ विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करना और एक दूसरे के विचार जानना महत्वपूर्ण था। बैठक ने विचारों का आदान-प्रदान करने, देश को अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने की संभावनाओं का पता लगाने और अधिक समर्पण तथा प्रतिबद्धता के साथ जनता की सेवा करने के तरीके तलाशने के लिए एक मंच प्रदान किया। हम इस जंग में सभी विपक्षी दलों के साथ हैं। इस समय हमारे लोकतंत्र को बचाने की जरुरत है।”उन्होंने उनकी गरिमापूर्ण उपस्थिति और अमूल्य समय के लिए सभी के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और कहा, “ हम राष्ट्र की प्रगति और समग्र वृद्धि और विकास को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक संवादों में जुडे रहना जारी रख सकते हैं।”
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