सत्य की रक्षा के लिए शहीद हो गए गुरु अर्जुन देव

सोनभद्र। मंगलवार को गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा रावटर््सगंज में शहीदों के सरताज सिखों के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी की शहादत दिवस पर राहगीरों को शरबत पिलाते हुए बड़ी श्रद्धा भावना से मनाई गई। श्री गुरूद्वारा समिति के अध्यक्ष जसवीर सिंह ने बताया कि लाहौर में जहांगीर द्वारा 30 मई 1606 ई. को भीषण गर्मी के दौरान ‘यासा व सियास्त’ कानून के तहत लोहे की गर्म तवी पर बिठाकर शहीद कर दिया गया। ‘यासा व सियास्त’ के अनुसार किसी व्यक्ति का रक्त धरती पर गिराए बिना उसे यातनाएं देकर शहीद कर दिया जाता है।श्री सिंह ने कहा कि गुरु अर्जुन देव के शहीदी दिवस पर 4 मई से 23 मई तक रोजाना श्री सुखमनी साहिब का पाठ किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे पहुंचकर माथा टेका। विश्व शांति और भाईचारे की अरदास की गई। कहा कि अर्जुन देव सत्य की रक्षा के लिए शहीद हो गए। लेकिन जुल्म के आगे नहीं झुके। उनके शहीदी दिवस पर छबील लगाकर लोगों को ठंडा शरबत पिलाया जाता है। गुरुओं के बताए मार्ग पर चलकर ही अपना जीवन सफल बनाए।इस अवसर पर भाई हरमीत सिंह द्वारा दीवान सजाया गया तथा पृथ्वी पाल सिंह द्वारा शहादत दिवस पर प्रकाश डाला गया इस अवसर पर अध्यक्ष जसवीर सिंह, सचिव रंजीत सिंह, देवेंद्र सिंह, तेजेंद्र पाल, बलविंदर सिंह, मनजीत सिंह, रवनीत सिंह, गुरविंदर सिंह, अवनीत सिंह, दिल करण, दलजीत, तरनवीर, अमर प्रभजोत एवं बलकार सिंह उपस्थित रहे।