भीषण गर्मी में दस्त का आसान इलाज है ओआरएस और जिंक

सिद्धार्थनगर।भीषण गर्मी में दस्त से बचाव के लिए बच्चों को ओआरएस का घोल और जिंक की गोली देते रहें। यह बड़ा लाभकारी है। ओआरएस का घोल लेने से बच्चों के शरीर में चुस्ती के साथ-साथ फुर्त बनाने में कारगर है। यह घोल शरीर में पानी की कमी को भी पूरी करता है। जबकि जिंकी की एक गोली 14 दिनों तक सेवन करने पर शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ तीन माह तक दस्त से छुटकारा दिलाने में लाभकारी है।डीसीपीएम मानबहादुर बताते हैं कि ओआरएस का घोल और जिंक दस्त का सही इलाज है। भीषण गर्मी में इसका इस्तेमाल करने से शरीर में चुस्ती और फुर्ती बनी रहती है। बीमारी से बचाव के लिए साफ-सफाई भी बेहद जरूरी है। वह बताते हैं कि बच्चे को दस्त लगने पर ओआरएस का पैकेट एक लीटर पीने वाले पानी में अच्छी तरह से घोल दें। घोल बन जाने के बाद दस्त शुरू होते ही और दस्त के बाद घोल पिलाएं। यह घोल शरीर में नमक और पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। इसके साथ जिंक की गोली एक चम्मच पीने के पानी या मां के दूध में घोल कर 14 दिनों तक दें। वह बताते हैं कि दो से छह माह तक के बच्चों को आधी गोली (10 मिग्रा) व छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को एक गोली (20 मिग्रा) साफ पानी या मां के दूध के साथ देना है। साथ में बच्चे को मां का दूध व ऊपरी आहार देना जारी रखें। ओआरएस का घोल तब तक देते रहें, जब तक दस्त ठीक नहीं हो जाता है।इस तरह दें बच्चों को ओआरएस का घोल दो माह से कम आयु के बच्चों को पांच चम्मच हर दस्त के बाद।दो माह से दो वर्ष के बच्चों को एक चौथाई कप से आधा कप हर दस्त के बाद।दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को आधा से एक कप हर दस्त के बाद।जिंक गोली का विशेष लाभ यह गोली 14 दिनों तक प्रतिदिन एक बार लेनी है। गोली दस्त की अवधि और तीव्रता दोनों को कम करता है। तीन माह तक दस्त को सुरक्षित रखता है। लंबे समय तक शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार है।छह स्टेप में हाथों को धुलने का अपनाएं तरीका हाथों को गीला करें और साबुन लगाएं।हथेलियों को आपस में रगड़ें और साबुन का झाग बनाएं।हथेलियों को आगे-पीछे दोनों तरफ और उंगलियों के बीच में रंगड़े।नाखुनों को हथेलियों पर खुरचें-रगड़ें।हाथों की कलाईयों को अच्छी तरह से साफ करें।दोनों हाथों को पूरी तरह से पानी में धोकर साफ करें।कब धुलें हाथ शौच के बाद, कूड़ा या जानवरों को छूने के बाद, बच्चों का मल साफ करने के बाद, खाना पकाने से पहले, भोजने करने से पहले और बच्चों को भोजन खिलाने से पहले हाथों को साफ तरीके से धुलना सेहत के लिए फायदेमंद है।बच्चों में पानी की कमी के लक्षण बच्चा बेचैन व चिड़चिड़ा हो या फिर सुस्त या बेहोश हो। बच्चे की आंखें धंस चुकी हो। अधिक प्यास लगना या पानी न पी पाना (दो माह से कम आयु के बच्चों को नहीं)। चिकोटी काटने पर पेट के बगल की त्वचा खींचने पर धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आना या त्वचा में लचीलेपन में कमी दिखाई दो तो समझ जाएं कि बच्चे के शरीर में पानी की कमी है। ऐसे में बगैर देर किए चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है।