दिव्यांग बच्चों को सामान्य के बराबर लाने के लिए सरकार प्रयासरत है

सिद्धार्थनगर।  दिव्यांगों को अच्छी से अच्छी शिक्षा मुहैया हो सके, इसके लिए जिले में बचपन डे केयर सेंटर खोला जाएगा। इसमें दृष्टिबाधित, मंदबुद्धि, श्रवण बाधित बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था होगी। इस सेंटर में प्रवेश पाने वाले बच्चों को विभाग की वैन घर से लाने और पहुंचाने का काम करेगी। सेंटर न खुलने के पीछे जिला मुख्यालय पर अब तक जमीन न मिलना प्रमुख कारण है।सामान्य बच्चों की तरह दिव्यांग बच्चों में पढ़ने और आगे बढ़ने की रुचि हो। इसके लिए प्री-प्राइमरी स्तर से ही उनके शिक्षण में सुधार की कोशिश होगी। बचपन डे केयर सेंटर में बच्चों को शिक्षित और प्रशिक्षित कर आगे के लिए तैयार किया जाएगा। सेंटर में बच्चों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक, ड्रेस के साथ दिव्यांगता के अनुसार सहायक उपकरण आदि सुविधाएं निशुल्क मिलेंगी। फिजियोथिरेपिस्ट, स्पीचथिरेपिस्ट के साथ अन्य विषयों के संरक्षण में शिक्षण व प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेंटर में पहले सत्र में 60 बच्चों के प्रवेश पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा। इसके बाद संख्या बढ़ने पर सीटों की बढ़ोत्तरी के लिए शासन से पत्राचार किया जाएगा। प्रवेश पाने वाले बच्चों के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से वैन दी जाएगी, जो प्रवेश पाए बच्चों को लाने और पहुंचाने का काम करेगी। इसके साथ ही विशेषज्ञ मास्टर ट्रेनर रखें जाएंगे, जो बच्चों को तमाम गतिविधियों के माध्यम से शिक्षित और प्रशिक्षित करेंगे। इससे सामान्य स्कूलों में दिव्यांग बच्चे प्रवेश लेकर शिक्षा ग्रहण कर सकें।अभिभावकों से ली जाएगी व्यवहार की जानकारी बचपन डे केयर सेंटर में बच्चों को लाने से पहले मास्टर ट्रेनर अभिभावकों से बच्चों के व्यवहार का पता लगाएंगे। बच्चे किस तरह का माहौल खेलने और खाने में पसंद करते हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि, मेडिकल इतिहास, स्वभाव का इतिहास भी रखेंगे। अभिभावकों की सहमति पर प्रवेश दिया जाएगा। प्रत्येक माह ट्रेनर और अभिभावक बच्चों की प्रगति पर बातचीत करेंगे।तीन से सात वर्ष तक के बच्चों का होगा दाखिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण के लिए तीन से सात वर्ष के ऐसे बच्चों का नए सत्र से दाखिला दिया जाएगा। जिनके पास स्वास्थ्य विभाग का 40 फीसदी तक का दिव्यांगता प्रमाणपत्र हो। प्रवेश के लिए तीन वर्ष से आयु कम व सात वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। सेंटर पर इंटरनेट, टेलीफोन, बायोमीट्रिक मशीन की व्यवस्था रहेगी। सीसीटीवी से निगरानी होगी।बैठक कर जांची जाएगी प्रगति बचपन केयर सेंटर में प्री-प्राइमरी स्तर की शिक्षा व प्रशिक्षण देकर बच्चों को जहां सामान्य बच्चों की तरह किए जाने का प्रयास होगा। इसके साथ उनके क्रिया कलापों और सकारात्मक,नकारात्मक परिवर्तन के बारे में प्रत्येक तीन माह में बैठक कर अभिभावकों को बताया जाएगा। बच्चों की काउंसलिंग भी की जाएगी। बचपन डे केयर सेंटर में समन्वयक, विशेष शिक्षक, अटेंडेंट, चौकीदार, आया, स्वीपर, अंशकालिक फिजियोथेरेपिस्ट, स्पीच ट्रेनर आदि रखे जाएंगे।बचपन डे केयर सेंटर खोलने का शासनादेश जारी हुआ है। जिला मुख्यालय पर नगर पालिका की ओर से भूमि चिन्हित किया गया था पर आवंटन होने से पहले आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। चुनाव समाप्ति के बाद नए सिरे से जमीन आवंटन के लिए प्रयास किया जाएगा।