धूम्रपान, मोटापा और मसालेदार भोजन सामान्य जीवन को हाइपरटेंशन की ओर धकेल रहा है

 सिद्धार्थनगर।  जिले में स्वास्थ्य केंद्रों के जरिए हुए स्क्रीनिंग में हर आठवां व्यक्ति हाइपरटेंशन का मरीज मिल रहा है। इस बीमारी से बचाव के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। चिकित्सकों की राय है कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए दुष्प्रभाव वाली खाद्य सामग्री का सेवन छोड़ कर नियमित योगा व व्यायाम करना होगा, तभी स्वस्थ जीवन संभव होगा। शोहरतगढ़ क्षेत्र के डोहरिया बुजुर्ग गांव निवासी राममिलन (62) हाइपरटेंशन के मरीज हैं। वह बताते हैं कि 60 वर्ष की उम्र तक वह भला चंगा थे लेकिन लगभग डेढ़ वर्ष पहले उन्हें बुखार, सांस फूलने, थकान, बेचैनी और घबराहट की समस्या हुई। स्थानीय स्तर पर दवा लेते रहे, लेकिन स्वस्थ नहीं हो सके। परेशान हाल में उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शोहरतगढ़ पहुंच कर टीबी की जांच कराया तो टीबी पॉजिटिव होने के साथ-साथ हाइपरटेंशन की दिक्कत भी सामने आई। छह माह तक चली टीबी की दवा से वह स्वस्थ हो गए हैं, लेकिन हाइपरटेंशन की दवा अभी भी जारी है। वह बताते हैं कि हाइपरटेंशन कंट्रोल में रहे इसके लिए घर के बगल में स्थित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जाकर प्रत्येक दो से तीन दिन पर जांच कराते रहते हैं। इसके अलावा उन्होंने खानपान को बेहतर बनाते हुए हुए टहलने व योगा को दिनचर्या का हिस्सा बना लिया है। फिलहाल वह सामान्य जीवन जी रहे हैं। शोहरतगढ़ क्षेत्र के डोहरिया बुजुर्ग आयुष्मान भारत केंद्र पर तैनात सीएचओ फुलवंत गौंड़ बताते हैं कि ग्रामीणों को बीपी और शुगर की जांच समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती है ताकि लोगों की सेहत बेहतर बनी रहे। हाइपरटेंशन के लक्षण मेडिकल कॉलेज में फिजीशियन डॉ. सीबी चौधरी बताते हैं कि सांस फूलने, थकान, बेचैनी, घबराहट होना, धुंधला नजर आना, उल्टी, अचानक से अधिक प्यास लगना, खांसी, गर्दन या कान में अधिक दर्द होने की दिक्कत होती है तो बगैर देर किए चिकित्सकीय परामर्श लें। यह सभी हाइपरटेंशन के लक्षण हैं।