न्यूयॉर्क। अमेरिकी अदालत ने पाकिस्तानी-कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी संलिप्तता के लिए उसकी तलाश की जा रही है। कहा जाता है कि वह पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसएसआई) से जुड़ा हुआ है। 62 वर्षीय राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों द्वारा मुंबई में किए गए हमले में उसकी भूमिका थी। मुंबई हमले में छह अमेरिकी समेत 164 लोग मारे गए थे। कैलिफोर्निया के यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने मामले में मंगलवार को आदेश दिया, जो बुधवार को जारी हुआ। न्यायाधीश ने आदेश में कहा, मामले में विचार के बाद अदालत अमेरिका के राज्य सचिव को राणा के भारत प्रत्यर्पण को प्रमाणित करती है। गौरतलब है कि अमेरिका व भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि है। इसी के आधार पर भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी। उसे 2011 में शिकागो में लश्कर को सहायता प्रदान करने का दोषी ठहराया गया था, जिसने मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाई थी। अदालत में अभियोजकों ने तर्क दिया कि राणा जानता था कि उसके बचपन के दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली का लश्कर के साथ संबंध है। मुंबई में हमले को अंजाम देने के लिए उसने लश्कर की मदद की। राणा इस बात से भी वाकिफ था कि हेडली की बैठकों में क्या चर्चा होती थी, इसमें हमलों की योजना के साथ-साथ लक्ष्य भी शामिल थे। हालांकि प्रत्यर्पण का उसके वकील ने विरोध किया। न्यायाधीश ने कहा कि राणा के प्रत्यर्पण के लिए पर्याप्त सक्षम सबूत हैं, इसलिए यह आदेश दिया जाता है कि तहव्वुर हुसैन राणा अमेरिकी मार्शल की हिरासत में बना रहेगा, जब तक राज्य सचिव द्वारा उसके भारत के प्रत्यर्पण और आत्मसमर्पण पर अंतिम निर्णय लंबित है।
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