डीएम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला पर्यावरण एवं नमामि गंगे समिति की बैठक

बहराइच। वित्तीय वर्ष 2023-24 अन्तर्गत वर्षा ऋतु में वृक्षारोपण के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार किये जाने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला पर्यावरण एवं नमामि गंगे समिति की बैठक में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने निर्देश दिया कि सभी विभाग गत वर्ष के लक्ष्य में 10 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए तद्नुसार अनुसार पौधरोपण के लिए स्थल चयन करते हुए वर्षा ऋतु से पूर्व ही गडढों की खुदाई, पौधों की उपलब्धता तथा सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु रोपित गये पौधों की सुरक्षा तथा सिंचाई इत्यादि के सम्बन्ध में प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर वन विभाग को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। डीएम ने कहा कि शासन स्तर से लक्ष्य प्राप्त होने पर तद्नुसार लक्ष्यों में संशोधन कर लिया जाएगा। डीएम डॉ. चन्द्र ने कहा कि वृक्षारोपण जैसे कार्य को आज प्रत्येक स्तर पर प्रोत्साहित किया जाना बहुत आवश्यक है। वृक्षविहीन धरती पर मानव जीवन का अस्तित्व बच पाना न मुमकिन है। डीएम ने कहा कि विभिन्न प्रकार की पर्यावर्णीय समस्याओं के निजात पाने का सबसे सुगम और आसान रास्ता है कि उपलब्ध भूमि पर अधिक से अधिक पौधे रोपित किये जायें और जहॉ तक संभव हो उनकी सुरक्षा भी की जाये। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण प्रदूषण एक ग्लोबल समस्या बन चुकी है। प्राकृतिक वन सम्पदा और हरे भरे बाग-बगीचे ही इस समस्या से निजात दिला सकते हैं। डीएम डॉ. चन्द्र ने निर्देश दिया कि पौधरोपण के लिए कार्य योजना तैयार करते समय सम्बन्धित क्षेत्र की जलवायु, भूमि तथा स्थान इत्यादि के अनुसार पौधों का चयन किया जाय। डीएम ने वृक्षारोपण कार्य के लिए स्कूल, कालेज, सरकारी कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थलों के चयन के समय ऐसे स्थानों को प्राथमिकता प्रदान करने का निर्देश दिया जहॉ पर लगाये गये पौधे सुरक्षित भी रह सकें। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि ऐसे शिक्षण संस्थाओं की सूची भी तैयार कर लें जहॉ पर पूर्व में पौधरोपण नहीं किया गया। ताकि ऐसे स्कूलों एवं कालेज़ों में भूमि की उपलब्धता के अनुसार पौध रोपण कराया जा सके। डीएम डॉ. चन्द्र ने निर्देश दिया कि पौधरोपण करते समय इस बात का विशेष ध्यान दिया जाए कि जिस स्थान या परिसर में पौधरोपण किया जा रहा है वहॉ पर उनकी उपयोगिता भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में पौधरोपण करते समय पोषण प्रदान करने वाले पौधे लगाए जाएं ताकि बच्चों को पोषण का महत्व समझने में आसानी हो। डीएम ने कहा कि पौधरोपण अभियान के दौरान जिले में अवस्थित गौ आश्रय स्थलों में विशेष अभियान संचालित कर छायादार विशेष कर गूलर के पौध रोपित करने की कार्ययोजना तैयार की जाए। बैठक के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच संजय शर्मा ने बताया कि जनपद में सभी प्रजातियों के पर्याप्त मात्रा में पौधे तैयार किये गये है। श्री शर्मा ने बताया कि जिले में तैयार किये गये पौधों की विशेषता यह है कि लगभग सभी पौधों को तैयार करने में जैविक खाद का प्रयोग किया गया है। डीएफओ ने बताया कि वृक्षारोपण अभियान की मूल इकाई ग्राम पंचायत को माना जायेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत माइक्रोप्लान विकसित कर पंचायत स्तर पर वृक्षारोपण कार्य नियोजित किया जायेगा। समस्त ग्राम पंचायतों में विभिन्न भूमि यथा सामुदायिक, नगर, रोड, स्कूल प्रांगण, निजी कास्त आदि की भूमि पर ग्रामीणों की इच्छानुसार वृक्षारोपण कराया जायेगा। इस अवसर पर प्रभारी सीडीओ/डीडीओ महेन्द्र कुमार मिश्र, उप जिलाधिकारी कैसरगंज महेश कुमार कैथल, डीसी मनरेगा के.डी. गोस्वामी, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, सीवीओ डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, बीएसए अव्यक्तराम तिवारी, सरयू नहर खण्ड के नोडल अधि.अभि. दिनेश कुमार, अधि. अभि. ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारी, पर्यावरण समिति के सदस्य डॉ डिम्पल जैन, उत्कर्ष श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।