इस्लामाबाद । दुनियाभर में मुस्लिमों के झंडाबरदार होने का दावा करने वाले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीन की दमनकारी नीतियों का समर्थन किया है। चीन का ‘आर्थिक गुलाम’ बनने की ओर बढ़ रहे पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि वह ड्रैगन की शिंजियांग प्रांत में मुस्लिमों के खिलाफ जारी नीतियों से सहमत है। यही नहीं इमरान ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के तानाशाही शासन की भी प्रशंसा की और इसे लोकतंत्र से अच्छा मॉडल बताया। चीनी मीडिया के साथ बातचीत में इमरान खान ने यह बयान दिया। चीन के दमन को इमरान खान का यह साथ ऐसे समय पर मिला है जब दुनियाभर के मानवाधिकार गुट शिंजियांग में उइगर मुस्लिमों के खिलाफ जघन्य अपराध पर चीन को घेरे हुए हैं। चीन पर यहां पर उइगर मुस्लिमों की पहचान खत्म करने और मस्जिदों में तोड़फोड़ के गंभीर आरोप लगे हैं। कई तस्वीरों में तो मस्जिदों का पूरा हुलिया ही बदल गया है।एमनेस्टी इंटरनेशनल की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि शिंजियांग प्रांत में चीन की ओर से चलाया जा रहा दमन ‘मनहूस नरक’ के समान है। उसने कई प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि उइगर मुस्लिमों का ब्रेनवॉश करने, प्रताड़ित करने और उनकी सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने के लिए चीन ने व्यापक अभियान चलाया हुआ है। दुनियाभर से आ रही रिपोर्टों को दरकिनार करते हुए इमरान खान ने वह चीन सरकार के कदमों से संतुष्ट हैं। यह वही इमरान खान हैं जो विश्वभर में इस्लामोफोबिया के खिलाफ आवाज उठाते हैं लेकिन जब बात पाकिस्तान के आका चीन की आती है तो उनका मुंह बंद हो जाता है। इमरान खान ने उइगरों के मुद्दे पर कहा, ‘हमारी शिंजियांग के बारे में चीनी अधिकारियों से जो बात होती है, उसमें पश्चिमी मीडिया और पश्चिमी सरकारों से एकदम उलट स्थिति निकलकर सामने आती है।’ पाकिस्तानी पीएम ने कहा, ‘चूंकि चीन के साथ हमारा मजबूत संबंध है और चूंकि हमारे संबंध विश्वास पर आधारित हैं, इसलिए हम चीन के उइगर मुस्लिमों को लेकर कही गई बात पर भरोसा करते हैं। जो वह अपने शिंजियांग में चलाए जा रहे प्रोग्राम के बारे में कहते हैं, हम उसे स्वीकार करते हैं।’ बता दें कि पाकिस्तान चीन को अपना आयरन ब्रदर बताता है। चीन ने पाकिस्तान में सीपीईसी प्रॉजेक्ट के जरिए 60 अरब डॉलर निवेश कर रखा है। यही नहीं चीन पाकिस्तान को समय-समय पर कर्ज देता रहा है। ड्रैगन के पाकिस्तान ग्वादर में नौसैनिक अड्डा भी बना रहा है। पाक पीरू तरह से चीन के आगे नतमस्तक दिख रहा है।