भारत सुर‎क्षित ‎‎मित्र के तौर पर रूस की ओर देखे, इसकी संभावना नहीं: खन्ना

वाशिंगटन। अमेरिका में कांग्रेस (संसद) के भारतवंशी सदस्य रो खन्ना ने कहा है कि यूक्रेन में जंग के मद्देनजर रूस के चीन के साथ करीबी रिश्तों को देखते हुए इस बात की संभावना नहीं है कि भारत रूस की ओर एक सुरक्षित मित्र के तौर पर देखेगा। खन्ना ने पत्रकारों के एक समूह के साथ चर्चा के दौरान कहा कि कांग्रेस में भारतीय अमेरिकियों का लक्ष्य रिश्तों को और गहरा करने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा ‎कि मैं नहीं समझता कि रूस और चीन के बीच करीबी रिश्तों को देखते हुए भारत एशिया में अपनी सीमा पर संभावित हमले से बचाव के लिए रूस को एक सुरक्षित दोस्त के तौर पर देखेगा। वे जानते हैं कि उस लक्ष्य के लिए अमेरिका अधिक विश्वस्त साझेदार है। खन्ना ने कहा कि चीन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ बचाव के मामले में अमेरिका के साथ अधिक मजबूती से जुड़ना भारत के हित में है। उनके मुताबिक, यह भारत की विदेश नीति का एक अहम कारक रहा है। खन्ना ने कहा ‎कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर साफ कर चुके हैं कि इसका मतलब यह नहीं है कि वे अमेरिका में हमारे हितों के अनुरूप चलेंगे लेकिन फिलहाल हमसे जुड़ना चाहते हैं, क्योंकि वे इसे रणनीतिक रूप से अहम मानते हैं। क्वाड के साझेदार देशों के विपरीत भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की है और उसने रूस के हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर लाए गए प्रस्तावों पर मतदान में हिस्सा भी नहीं लिया। खन्ना कांग्रेशनल इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के तौर पर अपनी तरह के पहले अमेरिका-भारत सम्मेलन की मेज़बानी कर रहे हैं।