छापेमारी कर दो बालश्रम कराए गए मुक्त, नियोजकों पर एफआईआर व 20-20 हज़ार का जुर्माना

हजारीबाग।बरही एवं चौपारण प्रखण्ड में हाइवे के किनारे दर्जनों होटल, ढाबा, रेस्टोरेंट में बाल श्रमिक के विरूद्ध श्रम अधीक्षक अनिल कुमार रंजन के नेतृत्व में अभियान चलाया गया।  मंगलवार को चलाए गए अभियान में 2 बाल श्रमिक को अलग-अलग दाबा से मुक्त कराया गया। मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों में  कल्लु कुमार उम्र-13 वर्ष पिता राजेन्द्र मांझी ग्राम बाघा पो०- बान्देगडा जिला- गया (बिहार) को न्यू हरियाणा पंजाब होटल नियोजक- विजय साव के यहाँ से विमुक्त कराया गया। जबकि दूसरा बाल श्रमिक गौतम कुमार उम्र-13 वर्ष पिता- नंद प्रसाद ग्राम प्रतापपूर थाना प्रतापपूर जिला-चतरा को हंगरीला रेस्टोरेंट नियोजक सतीश कुमार सिन्हा, बैहरा आश्रम चौपारण के यहाँ से मुक्त कराया गया। दोनों बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति हजारीबाग को सौंपा गया है। दोनों नियोजको के विरूद्ध चौपारण थाना में बाल श्रमिक अधिनियम 1986 की धारा 3(1) के उल्लंघन के मामले प्राथमिकी दर्ज करने के लिए श्रम अधीक्षक  द्वारा कारवाई किया गया है। साथ ही दोनों नियोजकों से 20-20 हजार रूपये आर्थिक दण्ड वसूल कर बाल श्रमिक पुनर्वास सह-कल्याण कोष में जमा कराया गया है।श्रम अधीक्षक ने कहा बाल श्रमिक के विरुद्ध अभियान जिले में निरंतर जारी रहेगा। बालश्रम करवाना समाजिक एवं कानून अपराध है, इसमें 6 माह से 2 वर्ष तक जेल हो सकती है। 14 वर्ष के नीचे के बालक को किसी भी प्रतिष्ठान / ढाबा / होटल / कारखाना में काम नहीं लेना है।बाल श्रम के विरूद्ध चलाए गए अभियान में श्रम अधीक्षक के अलावा बाल कल्याण समिति के मुन्ना पाण्डेय, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय प्रसाद तथा चौपारण थाना के अवर निरीक्षक आकाश कुमार शामिल थे।