ईद की नमाज में देश की सलामती के लिए मांगी दुआएं

फतेहपुर। ईद-उल-फितर का त्योहार समूचे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिले की ईदगाहों सहित मस्जिदों में लाखों लोगों ने शहरकाजी व पेश इमामों के पीछे नमाज अदा की। बाद नमाज खुतबें में लाखों लोगो ने हांथ उठाकर भारत की सलामती, दुनिया भर से आतंकवाद के खात्में, अमन चैन व खुशहाली के लिये अल्लाह पाक से दुआएं मांगी। ईदगाह व मस्जिदों पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इन्तजाम किये गये थे। इस बार ड्रोन कैमरे की निगरानी में ईदगाह में नमाज अदा कराई गई। सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल मौजूद रहा। जिलाधिकारी श्रुति व पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने ईदगाह समेत कई मस्जिदों का दौरा किया। वहीं पनी मोहल्ला स्थित बंदगी मियां की मस्जिद में काजी शहर मौलाना कारी फरीद उद्दीन कादरी ने नमाज पढ़ाकर मुल्क व मिल्लत की दुआएं की। ईदगाह के समीप लगे मेले का बच्चों ने जमकर लुत्फ उठाया। इसके बाद रिश्तेदारों, दोस्तों एवं मुहल्ले पड़ोस में एक-दूसरे के घर पहुंचकर जहां लोगों ने ईद की मुबारकबाद दी वहीं विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का लुत्फ उठाया। रमजान के 29 रोजों के बाद शनिवार को ईद के मद्देनजर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों की रौनक देखते ही बनी। प्रातः से ही घरों पर नहाने-धोने का सिलसिला शुरू हो गया था। जो नमाज पढ़ने से पहले तक जारी रहा। नई पोशाक धारण कर लोग अपने-अपने घरो से ईदगाह और मस्जिदो के लिये निकल पडे। प्रमुख सडको एवं गलियो में लोगो का हुजूम देखते ही बना। निर्धारित समय सुबह आठ बजे से शहरकाजी शहीदुल इस्लाम अब्दुल्ला ने ईद की नमाज अदा करायी। बाद नमाज ईदगाह मैदान पर नगर पालिका द्वारा लगाये गये कैम्प में प्रशासनिक व जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर लोगो से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद पेश की। जबकि हर वर्ष इसी कैम्प में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ईद में नमाज अदा करने वाले लोगो को बधाई देने का काम करते है लेकिन इस बार दोनो अधिकारियों ने नमाज में आने वाली भीड का निरीक्षण कर वापस आ गये। जिसे लेकर लोगो में चर्चा का विषय बना रहा। उधर शहर सहित जिले भर की मस्जिदों में भी पेश इमामों ने ईद की नमाज पढ़ाई। बाद नमाज खुतबे में आपसी भाईचारे, मुल्क की तरक्की व पूरे विश्व से आतंकवाद के खात्मे की दुआएं मांगी गयी। ईदगाह में विभिन्न प्रकार के खाद्य प्रदार्थो के साथ-साथ खिलौनो की दुकानें लगी रही। बच्चों ने खिलौने व गुब्बारे आदि की खरीददारी की और खाद्य प्रदार्थो का भी लुत्फ उठाया। उधर काजी-ए-शहर कारी फरीद उद्दीन कादरी ने पनी स्थित बंदगी मियां की मस्जिद में ईदुल फितर की नमाज अदा करायी। उन्होने अपने बयान में विश्व समेत शहर व जनपदवासियों को शांति, आपसी भाईचारा, साम्प्रदायिक सौहार्द बनाकर रहने की अपील की। उन्होने अमन का पैगाम देते हुए कहा कि जब मुसलमान अल्लाह की रस्सी को मजबूती से पकड़े रहता है तो वह अमनो-अमान के साथ बेखौफ होकर जीता है। जब इंसान अल्लाह की रस्सी से हट जाता है तो उसका सुकून-चैन छिन जाता है। उन्होने कहा कि पैगम्बर-ए-इस्लाम ने सबसे पहली नर्सरी मदीने में मुकामे सुफ्फा से शुरू की थी। जिसके छात्रों ने सहाबा की शक्ल में बहुत कम वक्त में दुनिया को जिहालत के अंधेरे से निकालकर अम्नो सलामती के साथ इंसान को इंसान से मोहब्बत करना सिखाया। इतना ही नहीं यह साबित कर दिखाया कि इस्लाम ही एक वाहिद धर्म है जिसके दामन से दिल व वातावरण में शांति के समंदर बहते हैं। उन्होने कहा कि आतंकवाद के खात्मे के लिए हर धर्म व समुदाय के लोगों को एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा। शहरकाजी ने कहा कि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता क्योंकि दुनिया का कोई भी धर्म आतंकवाद की शिक्षा नहीं देता। उन्होने जिला प्रशासन, नगर पालिका तथा मीडिया को रमजान भर साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने के लिए शुक्रिया अदा किया। उन्होने जनपद ही नहीं पूरे विश्व में अमन-चैन के लिए दुआ भी की। नमाज बाद एक दूसरे के घर जाने, ईद की बधाई देने और सेवईया खाने का सिलसिला शुरू हुआ। घरो में महिलायें नये-नये प्रकार के व्यंजन बनाकर मेहमानो के लिये सजा चुकी थी। जैसे-जैसे मेहमान आते गये व्यंजनो का लुत्फ लिया। मिलने मिलाने का और सेवईयां खाने-खिलाने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। उधर खागा, हथगाम, प्रेमनगर, बहेरासादात, शाहपुर, छिवलहा, धाता, खखरेरू, किशनपुर, थरियांव, असोथर, हस्वां, बिलन्दा, जोनिहां, जहानाबाद, चैडगरा, औंग, मलवां, अमौली, जाफरगंज, बिन्दकी, बहुआ, ललौली, हुसेनगंज, खजुहा, मऊदेव आदि में भी ईद का पर्व शान्तिपूर्ण माहौल मे मनाया गया।