बिच्छी नदी पर पुल निर्माण को लेकर ग्रामीण दो भाग में बटे

सोनभद्र। म्योरपुर विकास खंड क्षेत्र के पिंडारी ग्रामपंचायत के मध्य स्थित बिच्छी नदी पर निर्मित पुल जो आठ वर्ष पूर्व बाढ़ से बह गया था, जिस कारण नगराज,मनरहवा सहित 6 टोले के ग्रामीण वर्षा काल मे गांव से अलग थलग रहने को विवश रहते थे,बच्चे विद्यालय जाने के लिए बांस बल्ली से निर्मित अस्थाई पुल से जान जोखिम में डाल विद्यालय जाया करते थे, वही बीमार लोग,गर्भवती महिलाएं चिकित्सालय नही पहुंच पाती थी,एम्बुलेंस,डायल 112 गांव तक नही पहुँच पाते थे,ग्रमीणों को गांव के आधे हिस्से के लोगो से संपर्क के लिए 12 किलो मीटर का चक्कर लगाना होता था जनप्रतिनिधियो का ध्यान बार बार आकर्षित कराया गया जिसके बाद विधायक बनते ही दुद्धी विधायक राम दुलार सिंह गोड़ द्वारा इस गम्भीर समस्या को सदन में उठाया था जिसके बाद शासन ने इसे गम्भीरता से लिया परिणामस्वरूप निर्माण कार्य शुरू हो गया।दो करोड़ की प्राकल्पित लागत से निर्माणाधीन इस पुल के निर्माण को ले कर वर्तमान समय में ग्रामीण दो भाग में बंट गए है,ग्रामीणों के एक दल का आरोप है कि निर्माण में बड़े पैमाने पर स्थानीय बोल्डर,बालू का उपयोग कर ठेकेदार द्वारा सरकार को चुना लगाया जा रहा है प्रमोद व बनवारी ने कहा कि बालू बोल्डर की राशि का भुगतान भी लिया जा रहा है व नदी के बालू व बोल्डर का धड़ल्ले से उपयोग कर भारी मात्रा में राजस्व की चोरी की जा रही है,ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग व खनिज विभाग की मिलीभगत से बिच्छी नदी में दिन दहाड़े खनन व परिवहन हो रहा है साथ ही पोकलेन लगा धड़ल्ले से मिट्टी भी खोद भरा जा रहा हैं, वहीँ दूसरा दल ठेकेदार के द्वारा बालू बोल्डर के प्रयोग को उचित करार देते हुए दलील दी कि गांव के लिए बन रहे पुल के निर्माण में गांव का बालू बोल्डर नही लगेगा तो बाहर से ला कर प्रयुक्त किया जाएगा? ठेकेदार ठीक कर रहा है लोग वसूली के लिए मिथ्या आरोप लगा रहे है,जबकि सच्चाई यह है कि नदी का बालू,पूर्व निर्मित पुल के बोल्डर का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है साथ ही खनिज विभाग की बगैर अनुमति धड़ल्ले से मिट्टी की खोदाई कर भराव के लिए प्रयोग किया जा रहा है, ग्रमीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अवैध रूप से प्रयुक्त की जा रही सामग्री व खोदी जा रही मिट्टी की जांच करा राजस्व की वसूली कराने की मांग की है।