राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में पुरातन छात्र सम्मेलन आयोजित

प्रयागराज।उ प्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में बृहस्पतिवार को पुरातन छात्र सम्मेलन का वृहद आयोजन किया गया। रजत जयंती वर्ष में आयोजित इस सम्मेलन में विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों के साथ ही पूर्व कुलपतियों ने भी अपनी खट्टी मीठी यादों को साझा किया।विश्वविद्यालय के अटल प्रेक्षागृह में सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि विश्व के वयोवृद्ध संत पद्मश्री महायोगी शिवानंद जी महाराज, शिवानंद आश्रम, कबीर नगर, वाराणसी ने दीप प्रज्ज्वलन एवं जल संरक्षण के साथ किया। इस अवसर पर उन्होंने मंत्रोच्चारण कर के कार्यक्रम की सफलता के लिए आशीर्वाद दिया। पुरातन छात्र सम्मेलन की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने की। प्रोफेसर सिंह ने आज ही अपने कार्यकाल के 2 वर्षों को सफलतापूर्वक पूर्ण किया। इस अवसर पर प्रोफेसर सिंह ने कहा कि पुरा छात्रों के सहयोग से यह विश्वविद्यालय काफी आगे बढ़ सकता है। पुरातन छात्र फूल की तरह हैं जिन्हें पुरातन छात्र परिषद रूपी धागे में पिरोना है। उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष में विश्वविद्यालय अपने पुराने छात्रों को सम्मानित करते हुए हर्ष का अनुभव कर रहा है। कहा कि आज विश्वविद्यालय में स्मार्ट लैब तैयार हो गई है। वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है। मूक्स तैयार कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए यूजीसी में सभी प्रोग्राम भेज दिए हैं। जुलाई से एन ई पी 2020 के अनुरूप शैक्षणिक कार्यक्रम प्रारंभ किए जाने की योजना है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पृथ्वीश नाग ने कहा कि यह पुरा छात्रों के साथ ही पूर्व कुलपतियों का भी सम्मेलन है। जब वह यहां कुलपति थे तब इस विश्वविद्यालय के 500 अध्ययन केंद्र थे जबकि आज यह संख्या बढ़कर 3 गुनी हो गई है। विश्वविद्यालय चतुर्दिक दिशा में प्रगति कर रहा है।विशिष्ट अतिथि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर जे वी वैशम्पायन ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा का एक विशिष्ट स्थान है। शिक्षा केवल नौकरी या कैरियर के लिए ही नहीं बल्कि आत्म संतुष्टि के लिए भी होती है। मुक्त विश्वविद्यालय ऐसे लोगों को शिक्षा के अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब वह यहां कुलपति थे तब यहां का फाइलिंग सिस्टम बहुत ही अच्छा था।विशिष्ट अतिथि जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, बिहार के पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह ने राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन को स्मरण करते हुए कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा का क्षेत्र असीमित है‌। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह को कार्यकाल के 2 वर्ष सफलतापूर्वक व्यतीत करने पर शुभकामनाएं दी।पुरातन छात्र परिषद के अध्यक्ष डॉ ज्ञान प्रकाश यादव ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ सुरेंद्र कुमार ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने विकास यात्रा पुस्तिका का विमोचन भी किया।पुरातन छात्र सम्मेलन में कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने विशिष्ट पुरातन छात्रों प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन डॉ कार्तिकेय शर्मा, पूर्व डीआईजी कृपाशंकर सिंह, डॉ धनंजय चोपड़ा, डॉ सुग्रीव सिंह, डॉ ललिता प्रदीप, राघवेंद्र यादव, प्रमोद तिवारी, डॉ सपना चौधरी आदि को सम्मानित किया।  इसके साथ ही  प्रतिभाग कर रहे सभी पुरातन छात्रों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गये।द्वितीय सत्र में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें विशिष्ट पुरातन छात्रों ने अपनी यादें साझा की। पुरातन छात्र सम्मेलन के आकर्षण के केंद्र 127 वर्षीय शिवानंद जी महाराज रहे, जिनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए अतिथियों एवं पुरातन छात्रों में होड़ लगी रही।तृतीय सत्र में पुरातन छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।