देवरिया।अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) नागेंद्र कुमार सिंह ने उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की लू से बचाव हेतु गाइडलाइन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लू से जन-हानि भी हो सकती है। इसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मानवीय क्षति की रोकथाम के लिए विशेष सावधानियां बरते। कड़ी धूप में बाहर न निकले, खासकर दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक के बीच में। जितनी बार हो सके पानी पिये, प्यास न लगे तो भी पानी पिये। हल्के रंग के ढीले ढीले सूती कपड़े पहने। धूप से बचने के लिए गमछा टोपी, छाता, धूप का चश्मा,जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें। सफर में अपने साथ पानी रखें। शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें, यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं।अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करे और गीले कपड़े को अपने चेहरे सिर और गर्दन पर रखे। अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें। घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छांछ,आम का पना इत्यादि का सेवन करें । जानवरों को छाव में रखें और उसे खूब पानी पीने को दें। अपने घर को ठंडा रखे, पर्दे शटर आदि का इस्तेमाल करें। रात में खुली रखें। फैन,ढीले कपड़े उपयोग करें। ठंड़े पानी से बार-बार नहाएं।अपर जिलाधिकारी ने बताया कि धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें।खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे। नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचे। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें। खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी इत्यादि से ढक कर रखें ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएँ आती है,काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए। स्थानीय मौसम के पूर्वनुमान को सुने और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहे । आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़े। जहाँ तक संभव हो घर में ही रहे तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहाँ तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहे। संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें।घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें।
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