जौनपुर। मछलीशहर कस्बे से जंघई बाजार को जाते समय सड़क से सटे गांव चैकी खुर्द के हनुमान मंदिर के पास पहुंचते ही इस समय हर राहगीर कुछ समय के लिए महुये के फूलों की खुशबू से मस्त हो जाता है क्योंकि इस मंदिर के आस-पास दर्जनों की संख्या में महुये के पुराने पेड़ हैं और सबेरे- सबेरे सड़क और बाग में जमीन पर महुआ के फूल बिछे दिखते हैं। मछलीशहर तहसील क्षेत्र के चैकी खुर्द के अलावा बामी, कल्याणपुर, भाटाडीह, तिलौरा, अलापुर, करौरा, राजापुर, अमोध, चितांव, ऊंचगांव,असवां,नीभापुर, कोदई का पूरा, बटनहित, खजुरहट आदि गांवों में भी ऐसा ही हाल है। जहां सुबह इन गांवों में आते- जाते जगह- जगह महुये के फूलों की खुशबू महसूस की जा सकती है।यह विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी का दृश्य है जहां महुये के फूलों की इकट्ठा करने के बाद बच्चे बेहद खुश हैं। ग्रामीण इलाकों में सुबह- सुबह किसान इन फूलों को इकट्ठा करके सुखवा रहे हैं। इन्हें सुखवा करके बेच देंगे। विकास खंड मछलीशहर के गांव बामी के समयनाथ तिवारी कहते हैं कि महुये के ताजा फूलों के रस में आटा मिलाकर स्वादिष्ट हलुआ तैयार किया जाता है जो उन्हें बेहद पसंद है इसके साथ साथ महुये के पूए भी बनाये जाते हैं। महुआ एक ऐसा पौधा है जिसके पत्तों से खाने के पत्तल,बीज से तेल तथा छाल और सूखे फूलों से अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियां बनाई जाती हैं।यह प्रकार से मानव जीवन के लिए उपयोगी है।
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