सी.एम.एस. अलीगंज में कैम्ब्रिज सेक्शन का हुआ भव्य उद्घाटन

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस) में आज कैम्ब्रिज सेक्शन का उद्घाटन सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने फीता काटकर किया। इसी के साथ, अब सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) में भी कैम्ब्रिज पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाई का विधिवत् शुभारम्भ हो गया। सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) विद्यालय का तीसरा कैम्पस है, जहाँ कैम्ब्रिज पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) एवं सी.एम.एस. राजाजीपुरम (प्रथम कैम्पस) में पहले से ही कैम्ब्रिज सेक्शन में नियमित पढ़ाई चल रही है। अभिभावकों व छात्रों में कैम्ब्रिज की पढ़ाई काफी लोकप्रिय है। सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) के उद्घाटन अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट व एम.डी.प्रो. गीता गाँधी किंगडन एवं सी.एम.एस. के विभिन्न कैम्पस की प्रधानाचार्याओं ने अपनी गरिमामय उपस्थिति से उद्घाटन समारोह की शोभा बढ़ाई। उद्घाटन सामारोह में बड़ी संख्या में अभिभावकों, छात्रों व शिक्षकों ने प्रतिभाग कर कैम्ब्रिज सेक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी, श्री हरिओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. के तीनों कैम्पस में चल रहे कैम्ब्रिज सेक्शन में 5 से 19 वर्ष आयु के छात्रों को रचनात्मक व सकारात्मक शैक्षिक वातावरण में उत्कृष्ट शिक्षा पद्धति से शिक्षा प्रदान की जा रही है। 5 से 11 वर्ष के छात्रों के लिए कैम्ब्रिज प्राइमरी (कक्षा 1 से 5), 11 से 14 वर्ष के छात्रों के लिए कैम्ब्रिज लोअर सेकेण्डरी (कक्षा 6 से 8), 14 से 16 वर्ष के छात्रों के लिए कैम्ब्रिज अपर सेकेण्डरी (कक्षा 9 व 10) एवं 16 से 19 वर्ष के छात्रों के लिए कैम्ब्रिज एडवान्स (कक्षा 11 व 12) की कक्षायें संचालित की जा रही हैं। श्री शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. का कैम्ब्रिज सेक्शन कैम्ब्रिज इण्टरनेशनल एसेसमेन्ट एजूकेशन (सी.ए.आई.ई.) परीक्षा बोर्ड से संबद्ध है, जिसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विकास व सफलता का पासपोर्ट माना जाता है। वर्तमान में दुनिया भर के 160 देशों के छात्र कैम्ब्रिज पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा प्राप्त करते हैं जिससे उन्हें आगे चलकर विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने में सुविधा प्राप्त होती है। कैम्ब्रिज बोर्ड अपने सम्बद्ध स्कूलों तथा शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों को आत्मविश्वास से भरपूर, जिम्मेदार, विचारवान, रचनाशील तथा कर्तव्यपराण बनाने के लिए तैयार करता है।