केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन ने इतिहास रचा – वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4767 आरकेएम ब्राड गेज नेटवर्क का विद्युतीकरण किया

प्रयागराज।भारत सरकार ने विद्युतकर्षण के निहित लाभों को ध्यान में रखते हुए दिसंबर 2023 तक पूरे ब्राड गेज रेल  मार्ग का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के साथ केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (CORE) ने महाप्रबंधक, प्रमोद कुमार के मार्गदर्शन में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4283 RKM के अपने पिछले रिकॉर्ड को पार करते हुए 4767 RKM का विद्युतीकरण किया। इस राष्ट्रीय मिशन को प्राप्त करने के लिए, केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (CORE) ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और नौ परियोजना इकाइयों के माध्यम से एक समर्पित टीम के रूप में काम करते हुए एक सुरक्षित, ऊर्जा कुशल, पर्यावरण के अनुकूल और किफायती रेल परिवहन प्रणाली विकसित करके देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रणी योगदान दिया है।अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन और क्षेत्रीय रेलवे भी रेलवे विद्युतीकरण के काम में शामिल हैं। हालाँकि, केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (CORE) ने विद्युतीकरण कमीशनिंग का बड़ा हिस्सा किया है जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में किए गए सम्पूर्ण विद्युतीकरण कार्यों का लगभग 74% है।कोर की परियोजना इकाइयों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन सिकंदराबाद  परियोजना का रहा जिसने 1050 रूट किलोमीटर का योगदान दिया। अन्य परियोजनाओं में बैंगलोर परियोजना द्वारा 713 रूट किलोमीटर, अहमदाबाद परियोजना द्वारा 669 रूट किलोमीटर, जयपुर परियोजना द्वारा 670 रूट किलोमीटर, न्यू जलपाईगुड़ी परियोजना द्वारा 580 रूट किलोमीटर, अंबाला परियोजना द्वारा 453 रूट किलोमीटर, चेन्नई परियोजना द्वारा 406 रूट किलोमीटर, लखनऊ परियोजना द्वारा 194 रूट किलोमीटर एवं कोलकाता परियोजना द्वारा 31 रूट किलोमीटर के  विद्युतीकरण का योगदान दिया गया।विभिन्न रेलवे और राज्यों के अधिकार क्षेत्र के तहत खंडों के विद्युतीकरण के अलावा, केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (CORE) बिजली आपूर्ति प्रणाली को मजबूत करने और सुचारू और सुरक्षित ट्रेन संचालन सुनिश्चित करने के लिए ट्रैक्शन सब-स्टेशनों को लगातार कमीशन कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कोर द्वारा कुल 61 ट्रैक्शन सब-स्टेशन चालू किए गए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 80 % की महत्वपूर्ण छलांग है। कोर की परियोजना इकाइयों में सर्वश्रेष्ठ ट्रैक्शन सब स्टेशन (टीएसएस) कमीशनिंग का  प्रदर्शन भी  सिकंदराबाद  परियोजना का रहा जिसने 12 टीएसएस कमीशन  किए। अन्य परियोजनाओं में बैंगलोर परियोजना द्वारा 6 टीएसएस, अहमदाबाद परियोजना द्वारा 4 टीएसएस, जयपुर परियोजना द्वारा 10 टीएसएस, न्यू जलपाईगुड़ी परियोजना द्वारा 1 टीएसएस, अंबाला परियोजना द्वारा 6 टीएसएस, चेन्नई परियोजना द्वारा 5 टीएसएस, लखनऊ परियोजना द्वारा 6 टीएसएस एवं कोलकाता परियोजना द्वारा 11 टीएसएस कमीशन  कर   विद्युतीकरण में योगदान दिया । केवल मार्च 2023 में ही विभिन्न रेलवे में कुल 21 ट्रैक्शन सब-स्टेशन कमीशन किए गए जो मासिक आधार पर टीएसएस कमीशनिंग का रिकॉर्ड है। इससे पहले जनवरी 2023 में 11 टीएसएस कमीशन किए गए थे। यह दर्शाता है कि कोर समयबद्ध तरीके से टीएसएस की कमीशनिंग को लेकर अत्यन्त गम्भीर है ताकि ज़ोनल रेलवे को परिचालन व अनुरक्षण में असुविधा न हो। इसी तरह इस वित्तीय वर्ष में कोर द्वारा कुल 50 टावर वैगन शेड कमीशन किए गए जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 212 % की बड़ी छलांग है। टावर वैगन शेड ट्रैक्शन अनुरक्षण व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है और बचे हुए टावर वैगन शेड को जल्द से जल्द कमीशन के लिए कोर पूरा ज़ोर लगा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में, केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (CORE) ने कई महत्वपूर्ण खण्डों का विद्युतीकरण किया है, जो न केवल सेक्शन क्षमता और परिचालन गति को बढ़ाएगा बल्कि आसपास के क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेगा।ईशानगर-उदयपुरा खंड (75 आरकेएम) के विद्युतीकृत हो जाने से प्रयागराज से भोपाल तक एक महत्वपूर्ण विद्युतीकृत मार्ग की प्राप्ति हुई है और साथ ही उत्तर मध्य रेलवे 100% विद्युतीकृत हो गया है। सीकर-चूरू खंड (87 आरकेएम) के विद्युतीकरण के साथ, संपूर्ण शेखावाटी क्षेत्र, जो एक प्रमुख व्यापार और पर्यटन केंद्र है, अब विद्युतकर्षण पर सीधे दिल्ली से जुड़ा हुआ है।शोहरतगढ़-पचपेड़वा-सुभागपुर खंड (118 आरकेएम) के विद्युतीकरण के साथ गोंडा से बलरामपुर-आनंद नगर होते हुए गोरखपुर तक का वैकल्पिक मार्ग पूरी तरह से विद्युतीकृत हो गया है। साथ ही सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर रेलवे भी पूरी तरह से विद्युतीकृत कर दिया गया है।पांगरी-लातूर रोड खंड (129 आरकेएम) के विद्युतीकरण के साथ, कुर्दुवाड़ी, लातूर रोड, विकाराबाद होते हुये पुणे से सिकंदरबाद तक का सम्पूर्ण रेल खंड शत-प्रतिशत विद्युतीकृत कर दिया गया है । यह मध्य रेलवे के पूरी तरह से विद्युतीकृत होने के साथ-साथ पुणे-वाडी-सिकंदराबाद रेल खंड को एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा।नित्तूर-अर्सिकेरे-बिरुर-होसदुर्ग और चिक्कजाजूरु-देवरगुड्डा-करजगी-हुबली खंडों (244 आरकेएम) का विद्युतीकरण कर दिया गया है जिसके कारण  बेंगलुरु और हुबली को जोड़ने वाली मुख्य लाइन जिस पर वंदे भारत ट्रेन को चलाने की योजना है, शत-प्रतिशत विद्युतीकृत हो गयी है। बेनीसर-नापासर-बीकानेर सेक्शन (61 आरकेएम) के विद्युतीकरण के साथ अब नई दिल्ली से बीकानेर तक ट्रेनें पूरी तरह से विद्युतीकृत मार्ग पर चलेगी। दुधनई-मेंदीपथार (20 आरकेएम) मार्ग के विद्युतीकरण के साथ मेघालय विद्युतीकृत मार्ग पर शेष भारत से जुड़ गया है जो एक बड़ी उपलब्धि है।होलेआलूर-बदामी-गुलेदगुड्ड (41 रूट किलोमीटर), बंगारपेट-कोलार-चिक्कबाल्लापुर-येलहंका (103 रूट किलोमीटर), दिंडुक्कल-पलनि (56 रूट किलोमीटर), कारैक्कुडि-मानामदुरै (61 रूट किलोमीटर), तिरुच्चेंदूर-तिरुनेलवेली-तेनकाशी (133 रूट किलोमीटर), विरुदुनगर-तेनकाशी-शेंगोट्टै-भगवतीपुरम (136 आरकेएम), परभणी-परली-वैजनाथ (62 रूट किलोमीटर), पूर्णियाँ -जोगबनी (79 रूट किलोमीटर), छैहरटा-अटारी (18 रूट किलोमीटर), समाखियाली-बचाऊ-आदिपुर गांधीधाम होते हुए न्यू भुज (115 रूट किलोमीटर), सीहोर-भावनगर टर्मिनस (21 रूट किलोमीटर) और वांकानेर-मालिया मियाणा  (97 रूट किलोमीटर) अन्य महत्वपूर्ण खंड हैं जिनका विद्युतीकरण इस वित्तीय वर्ष में हुआ है।महाप्रबंधक प्रमोद कुमार, ने केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (CORE)/मुख्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह उत्कृष्ट उपलब्धि अथक प्रयास, बेहतर योजना, बदलती कार्य संस्कृति और जोनल रेलवे एवं अन्य एजेंसियों के साथ सटीक समन्वय का परिणाम है। यह हमारी क्षमताओं का द्योतक है जो चुनौतियों को स्वीकार करते हुये परिणाम देने के लिए सदैव तैयार रहता है। उन्होंने इस स्वर्णिम उपलब्धि के लिए केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (CORE) को हार्दिक बधाई दी और इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि केंद्रीय रेल विद्युतीकरण संगठन (CORE) ने विद्युतीकरण कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई है जो भारतीय रेलवे को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।