वॉशिंगटन। अमेरिका के एजीएम-183ए हाइपरसोनिक मिसाइल का तीसरा टेस्ट भी फेल हो गया है। ऐसे में इस मिसाइल को बनाने के लिए लॉन्च किया गए एआरआरडब्ल्यू प्रोग्राम के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। सर्विस सेक्रेटरी फ्रैंक केंडल ने अमेरिकी संसदीय कमेटी को बताया कि यह परीक्षण 13 मार्च को किया गया था। केंडल ने संकेत दिया कि लगातार मिलती नाकामी से एजीएम-183ए एयर-लॉन्च रैपिड रिस्पांस वेपन प्रोग्राम खतरे में पड़ सकता है। इस मिसाइल का निर्माण दिग्गज अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन कर रही है। सर्विस सेक्रेटरी ने कहा कि इस समय हम एआरआरडब्ल्यू की तुलना में हाइपरसोनिक अटैक क्रूज मिसाइल (एचएसीएम) के लिए अधिक प्रतिबद्ध हैं। वित्तीय वर्ष 2024 के बजट अनुरोध पर सुनवाई के दौरान केंडल ने सदन विनियोग समिति के रक्षा पैनल को बताया कि एआरआरडब्ल्यू प्रोग्राम ने अपने टेस्ट प्रोग्राम में काफी संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि इस साल मार्च में इसका परीक्षण असफल रहा था। इससे पहले भी इसके दो परीक्षण असफल हो चुके हैं। ऐसे में सेक्रेटरी ने कहा कि हमे अध्ययन करने के बाद अगले वित्तीय वर्ष में इस प्रोग्राम को जारी रखने या नहीं रखने पर अंतिम निर्णय जल्द करने वाले हैं। ऐसे में आशंका है कि इस प्रोग्राम को जल्द ही बंद किया जा सकता है।हाइपरसोनिक हथियार मैक 5 की गति से यात्रा करते हैं। ये अत्याधिक गतिशील होते हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना और मार गिराना मुश्किल हो जाता है। चीन और रूस ने अपनी सेनाओं के लिए हाइपरसोनिक हथियारों को विकसित करने के लिए काफी संसाधनों का निवेश किया है। ऐसे में कई अमेरिकी सांसदों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि उनका देश अपनी हाइपरसोनिक क्षमताओं को पाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा है। अमेरिकी वायु सेना ने खुलासा किया कि उसने इस महीने की शुरुआत में दक्षिणी कैलिफोर्निया के तट से पूरी तरह से परिचालित प्रोटोटाइप एआरआरडब्ल्यू का दूसरा परीक्षण लॉन्च किया था लेकिन वायु सेना ने उस बयान में परीक्षण की सफलता या असफलता के बारे में कुछ नहीं बताया था। केवल इतना कहा था कि इस परीक्षण ने कई उद्देश्यों को पूरा किया है। यह भाषा पिछली बार एआरआरडब्ल्यू परीक्षण से अलग थी, तब वायु सेना ने कहा था कि हथियार की रिलीज सफल रहा और सभी उद्देश्य पूरे हुए हैं।
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