विनोवा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग में आयोजित प्रथम कुलपति सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए महामहिम राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन

हजारीबाग। इस प्रथम कुलपति के सम्मेलन में यहां उपस्थित होकर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। हमारे राज्य में विश्वविद्यालयों द्वारा सामना किए जा रहे विभिन्न मुद्दों को समझने का यह पहला प्रयास है। मैं अपने राज्य के उच्च शिक्षा विभाग की इस पहल की सराहना करता हूँ और पूर्ण आशा करता हूँ कि यह राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति में सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।झारखंड के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के बाद मैंने सभी कुलपतियों के साथ एक-एक करके बैठक कर संवाद स्थापित की और उनकी समस्याओं, उनके विचारों और सुझावों  से अवगत हुआ। इससे मुझे स्थिति की प्रथम द्रष्टया जानकारी प्राप्त हुई। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति को लेकर कुछ समस्याएँ हैं। प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों के साथ-साथ गैर-शिक्षण कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए शीघ्र ही कदम उठाए जाएंगे। विश्वविद्यालयों के कुलपति भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रोस्टर क्लीयरेंस के साथ शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए विश्वविद्यालयों या अंगीभूत महाविद्यालयों में स्वीकृत पदों का विवरण तैयार करें।पिछड़े समुदायों के छात्रों, विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति समुदाय की छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। सभी विश्वविद्यालयों को यूजी और पीजी पाठ्यक्रमों में छात्रों के ड्रॉप आउट पर ध्यान देने की आवश्यकता है।शैक्षणिक कैलेंडर विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में वर्ष में होने वाले सभी आयोजनों से अवगत कराने में सहायता करता है। शैक्षणिक कैलेंडर शैक्षणिक संस्थानों को संस्थान के विभिन्न पाठ्यक्रमों एवं सत्रों में नामांकित सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों के साथ जुड़ने और संवाद करने में सक्षम बनाता है। छात्रों और शिक्षकों के लिए अपनी पढ़ाई की योजना बनाना महत्वपूर्ण है। अकादमिक कैलेंडर की अग्रिम प्रकाशन यह भी सुनिश्चित करती है कि गतिविधियां और घटनाएं बिल्कुल योजना के अनुरूप हों। विद्यार्थियों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना विश्वविद्यालय का लक्ष्य होना चाहिए। विद्यार्थियों के उचित प्लेसमेंट के लिए, सभी विश्वविद्यालयों को प्लेसमेंट मेलों का आयोजन करना चाहिए और विद्यार्थियों के रोजगार हेतु स्थानीय उद्योगों को बुलाना चाहिए। नई शिक्षा नीति के अनुसार, सभी वीसी को विश्वविद्यालयों में अध्ययन किए जा रहे विषयों के युक्तिकरण पर ध्यान देना चाहिए और बाजार की मांग के अनुसार नए विषय प्रस्तुत करने चाहिए।शिक्षा में सुधार के लिए विश्वविद्यालयों को अन्य राज्यों के विश्वविद्यालयों के साथ छात्र विनिमय कार्यक्रम का अवसर तलाशना चाहिए। विश्वविद्यालय की ब्रांडिंग ऐसी होनी चाहिए कि छात्र उस विश्वविद्यालय का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करें।कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) का बेहतर तरीके से आयोजन हो, सभी विश्वविद्यालय CUET के लिए परीक्षा केंद्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाशें और आवश्यकता पड़ने पर छात्रों को निकटतम परीक्षा केंद्रों सुलभ कराने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें। छात्रों को इस परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने और तदनुसार तैयारी करने की जरूरत है।शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की उपस्थिति की उचित स्तर पर ठीक से निगरानी की जानी चाहिए। सभी श्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली कार्यात्मक हो और उनके वेतन से जुड़ी हुई ।”डिजिलॉकर” डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है। हमें “डिजीलॉकर” के माध्यम से विश्वविद्यालय के सभी प्रकार के प्रमाण पत्र डिजिटल प्रारूप में प्रदान करने होंगे ताकि विद्यार्थी को कहीं भी ये सुविधा उपलब्ध हो सकें। ये डिजिटल प्रमाणपत्र भारतीय सूचना अधिनियम 2000 के तहत कानूनी रूप से मान्य दस्तावेज हैं।उन्होंने कहा मेरे संज्ञान में आया है कि विश्वविद्यालय के अधिकारी अपना बहुमूल्य समय अदालती मामलों के प्रबंधन में लगा रहे हैं। विश्वविद्यालयों को उच्च न्यायालय में लंबित सभी मामलों की समीक्षा करनी चाहिए और विश्वविद्यालय के स्तर पर यथाशीघ्र वास्तविक शिकायतों का समाधान किया जाना चाहिए। जहां तक संभव हो मुकदमों से बचने के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय को एक उचित शिकायत निवारण कोशांग स्थापित करना चाहिए।सभी विश्वविद्यालयों को अंगीभूत महाविद्यालयों की कार्यप्रणाली का अनुश्रवण करना चाहिए और वित्तीय या अन्य कुप्रबंधन के संबंध में शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता से दूर करना चाहिए। उनके अधिकार क्षेत्र के बी.एड कॉलेज की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि ये ऐसे कॉलेज हैं जहां से भविष्य के शिक्षक तैयार किए होते हैं।विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की सुविधाओं हेतु  सुसज्जित पुस्तकालय, कैंटीन, खेल आदि जैसी सुविधाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालयों की कैंटीन का प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए और कैंटीन में हर समय अनुशासन बनाए रखा जाना चाहिए।उन्होंने कहा मुझे पूर्ण है कि आज के विचार-विमर्श से आपको एक-दूसरे के अनुभवों को समझने व सीखने में मदद मिलेगी। हमें व्यवस्था में कमियों के बावजूद भविष्य की ओर देखने और सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की जरूरत है। विश्वविद्यालय के प्रमुख के रूप में कुलपति की जिम्मेदारी अत्यधिक है। आपलोग आगे आयें और अपने कार्यकाल के दौरान कुछ ऐसा उल्लेखनीय कार्य करें, जिससे संस्थान आगे बढ़े। हम अपने राज्य में उच्च शिक्षा में व्यापक सुधार के लिए उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण पहलों पर काम कर रहे हैं।