सिद्धार्थनगर।संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली विभाग के कर्मचारियों का हड़तान शनिवार को भी जारी रहा। कर्मचारी गुरुवार रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर हैं। धरना के दौरान सरकार पर समझौता न मानने का आरोप लगाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर कर्मचारियों का उत्पीड़न किया तो वह लोग जोरदार लड़ाई लड़ेंगे।बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मंगलवार शाम छह बजे शहर में मशाल जुलूस निकाल कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए समझौता में तय हुई मांगों को पूरा करने की मांग की थी। इस बीच सरकार की ओर से कोई पहल नहीं होने से बुधवार सुबह 10 बजे से संपूर्ण कार्य बहिष्कार कर जिले भर के कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में सिद्धार्थनगर पॉवर स्टेशन पर धरना पर बैठ गए थे। गुरुवार को भी कार्य बहिष्कार कर धरना दिया। रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताली कर्मचारियों का धरना पॉवर स्टेशन परिसर में शनिवार को भी जारी रहा। वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा मंत्री, मुख्यमंत्री के सलाहकार के बीच हुए समझौते को पावर कार्पोरेशन नहीं मान रहा है। सरकार कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रही है वह अपनी कमी नहीं बता रही है कि समझौते के बाद आखिर क्यों मुकर गई। वादा खिलाफी करने वाली सरकार ने अगर उत्पीड़न किया तो उनकी लड़ाई आरपार की होगी। उन्होंने कहा कि अभी तो 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल ही चल रही है। उनकी जो भी मांगें हैं मानी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मांग जायज थी तभी सरकार ने समझौता किया था अब कतरा रही है यह चलने वाला नहीं है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार कहती है हड़ताल फेल है वह बताए कहां से है। इस दौरान विश्व विजय, राम कुमार कुशवाहा, मनीष श्रीवास्तव, व्यास चतुर्वेदी, रामजी मिश्र, संजय श्रीवास्तव, यदुवेश राय, संदीप कुमार, रमाकांत चौधरी, दीनानाथ वर्मा, जहीर, गणेश मिश्र आदि मौजूद रहे।
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