जलवायु परिवर्तन सभी एसडीजी में हुई प्रगति को बड़े पैमाने पर कर रहा है बाधित – दासरा

लखनऊ। मुंबई के विक्रोली में स्थित गोदरेज वन में आयोजित दासरा फिलेंथ्रॉपी वीक के 14वें एडिशन के दौरान स्ट्रैटेजिक फिलेंथ्रॉपी संगठन, दासरा ने क्लाइमेट एक्शन एलायंस के गठन का विचार पेश किया है। यह एलायंस भारत में इंटरसेक्शनल क्लाइमेट एक्शन को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों, दानदाताओं, सिविल सोसाइटी संगठनों और संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगा। साथ ही यह एलायंस एक मजबूत सिस्टम तैयार करने और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सभी क्षेत्रों में हितधारकों को एक साथ लेकर आएगा।रेनमैटर फाउंडेशन द्वारा समर्थित यह क्लाइमेट एक्शन अलायंस, सरकार और सिविल सोसाइटी संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के बीच सहमति और सहयोग बढ़ाने में मदद करेगा, ताकि जलवायु से जुड़ी समस्याओं के खिलाफ भारत के दृष्टिकोण और आम राय को दिशा देने में मदद मिल सके। एलायंस कई वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ साझेदारी भी करेगा, ताकि ज्ञान का प्रसार करने और सम्मेलन आयोजित करने में उनकी विशेषज्ञता का पूरा लाभ उठाया जा सके। इसके अलावा, एलायंस का उद्देश्य जलवायु संबंधी पहलुओं के लिए परोपकार को बढ़ावा देना भी होगा।दासरा ने भारत में जलवायु परिवर्तन की विभिन्न क्षेत्रों पर अंतरनिर्भरता पर आम लोगों की समझ को बढ़ाने के लिए अपनी तरह की पहली लैंडस्केप और रिसर्च रिपोर्ट पेश करने की अपनी योजना की भी घोषणा की है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) के सहयोग से क्लाइमेट इंटरसेक्शनैलिटी रिपोर्ट, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के उन पहलुओं की पड़ताल करेगी, जो कि जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित हैं, जैसे कि क्ळ 2 – जीरो हंगर, क्ळ 3 – बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण, क्ळ 11 – टिकाउ शहर एवं समुदाय, क्ळ 15 – धरती पर जीवन, और क्ळ 5 – लैंगिक समानता और क्ळ 17 – क्रॉस-कटिंग क्ळ के रूप में लक्ष्यों के लिए भागीदारी। यह जलवायु परिवर्तन को एक इंटरसेक्शनल लेंस के साथ देखने की आवश्यकता पर प्रकाश डालेगा, जो अन्य क्षेत्रों के साथ जुड़ाव के माध्यम से सही प्रयास करने में मदद करेगा। क्लाइमेट इंटरसेक्शनलिटी रिपोर्ट अगले कुछ महीनों में लॉन्च की जाएगी।