समाज का ऋण को उतारने का माध्यम रासेयो

जौनपुर। शिक्षा के अंतर्गत दो चीजें आती हैं- पाठ्यक्रम और सहगामी क्रियाएं। कक्षा शिक्षण हमें सिद्धांत की जानकारी देता है जबकि सहगामी क्रियाएं हमें समाज के साथ चलने का ज्ञान देती हैं। दोनों के योग से पूर्ण ज्ञान की प्राप्ति होती है। उक्त उद्गार तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के उद्घाटन समारोह में कालेज के प्राचार्य प्रो0ऽआलोक कुमार सिंह ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिविरार्थी एक पेड़ लगाए एवं उसकी रखवाली करे। जितना महत्वपूर्ण पेड़ लगाना है,उससे ज्यादा महत्वपूर्ण उसकी रखवाली करना है। समाज का हम पर बहुत बड़ा ऋण होता है और उस ऋण को उतारने का माध्यम राष्ट्रीय सेवा योजना है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना हमें यह सिखाता है कि सबसे पहले समाज है फिर मैं हूं। इसके माध्यम से छात्रों में नेतृत्व कौशल का विकास होता है। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी प्रो0ऽ राजीव रतन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर में दिनांक 10 से 16 मार्च तक छात्र श्रमदान,रैली, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण, वाद-विवाद, स्वच्छता आदि कार्यक्रमों में प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम अधिकारी डॉ. महेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना जनसेवा है, इसके माध्यम से विद्यार्थियों में राष्ट्र सेवा एवं समाज सेवा का भाव जागृत होता है। शिविर में राष्ट्रीय सेवा योजना की 6 इकाइयों के 300 शिवरार्थी प्रतिभाग कर रहे हैं।