नई दिल्ली । मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएफ पर ब्याज दर तय करने को लेकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सीबीटी यानी केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 25-26 मार्च को होने जा रही है। हर साल मार्च में बोर्ड की बैठक के दौरान ब्याज दरों पर फैसला होता है। पिछले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जो ब्याज दर तय की गई थी वो 43 साल में सबसे कम थी। पिछले साल पीएफ पर ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया था। वित्त वर्ष 2020-21 में पीएफ के ब्याज की दर में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इससे ठीक एक साल पहले 2019-20 में ब्याज दर को 8.65 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी किया गया था। मार्च 2022 में सीबीटी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ के 6 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहकों के लिए 8.1 फीसदी ब्याज दर की सिफारिश की थी, जिससे अनुमानित सरप्लस 450 करोड़ रुपए रह गया। सूत्रों के मुताबिक ईपीएफओ मौजूदा 8.1 फीसदी की ब्याज दर को बरकरार रख सकता है। इक्विटी निवेश में ऊंचे रिटर्न की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा सकता है।
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