कानों की सेहत के प्रति रहना होगा सतर्क : सीडीओ

देवरिया।जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रो पर  वर्ल्ड हियरिंग डे (विश्व श्रवण दिवस) के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इसी कड़ी में सीडीओ रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में सीएमओ कार्यालय के धनवन्तरि सभागार  में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सीएचओ, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को बच्चों सहित स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले ऐसे लोग, जिन्हे किसी कारण कान से सुनाई नहीं देता उनकी स्क्रीनिंग करने को कहा गया । साथ ही सरकारी प्रावधानों के तहत इलाज की जानकारी दी गई। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा कानों की सेहत के प्रति लोगों को जागरूक  किया गया। कार्यक्रम के दौरान सीडीओ  ने कहा कि नियमित रूप से तेज ध्वनि सुनने या उसके नजदीक रहने के कारण भी लोग सुनने की क्षमता खोने लगे है। अधिक से अधिक ऐसे लोगों कि पहचान हो सके इसके लिए ओपीडी में आने वाले लोगों को इसके लक्षण व रोकथाम की जानकारी दी जाये। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने कहा कि आरबीएसके टीम इस समस्या से ग्रसित बच्चों की स्क्रिनिंग कर रही है। ऐसे पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की काक्लियर इम्प्लांट सर्जरी कराई जाती है और इसके लिए सरकारी प्रावधानों के तहत कानपुर भेजा जाता है । उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से कहा कि को भी जिम्मेदारी दी कि गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम  (एचबीएनसी)  के तहत आशा कार्यकर्ता ऐसे बच्चों को चिन्हित कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल के  ईएनटी विभाग में भेजें। नाक, कान, गले के विशेषज्ञ सर्जन डॉ डीएस सिंह ने बताया कि आवाज सुनने की क्षमता को कम होने की स्थिति को हियरिंग लॉस कहते हैं।उन्होंने कहा कि कभी भी कानों में कोई नुकीली चीज न डालें। पानी या तरल पदार्थ न डालें। कान हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। इससे हम कुछ भी सुन सकते हैं। अगर सुनने में दिक्कत है तो चेत जाएं। सुनने में तकलीफ कई कारणों से हो सकती है। सुनाई न देने की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। उन्होंने कहा कि हियरिंग लॉस का एक सामान्य कारण लंबे समय तक किसी उद्योग केंद्र का शोर, यातायात या अत्यधिक तेज संगीत का शोर भी है।कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डॉ सुरेंद्र सिंह, एसीएमओ डॉ राजेंद्र प्रसाद, एसीएमओ संजय चंद, एसीएमओ डॉ सतिराम,  डीसीपीएम राजेश गुप्ता, ऑडियोलॉजिस्ट राजेश कुमार वर्मा, राम कुमार वर्मा, नेहा और वर्षा सिंह प्रमुख तौर पर  मौजूद रहे।