बार्सिलोना। सेलफोन के जनक मार्टिन कूपर को चिंता है कि उनके 50 साल पुराने आविष्कार ने आज के समय में लोगों की गोपनीयता बरकरार रखने में बाधा डाली है और सोशल मीडिया की लत को जन्म दिया है। दशकों बाद, 11 इंच लंबा फोन अब अपने बहुत छोटे अवतार में दुनिया भर में लगभग हर व्यक्ति की जेब में रहता है, जो वर्तमान समय के सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी काफी हैं। मार्टिन कूपर ने कहा, ‘मेरी सबसे नकारात्मक राय यह है कि अब हमारे पास कोई गोपनीयता नहीं है, क्योंकि हमारे बारे में सब कुछ अब कहीं रिकॉर्ड किया गया है, और किसी ऐसे व्यक्ति के लिए सारी जानकारी हासिल करना सुलभ है, जिसके पास इसे पाने की तीव्र इच्छा है।’ फिर भी वह इस बात पर अचंभित हैं कि सेलफोन डिजाइन और उसकी क्षमताएं कितनी आगे बढ़ गई हैं और उनका मानना है कि शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में इस प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग होना अभी बाकी है। उन्होंने स्पेन के बार्सिलोना में आयोजित मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में कहा, ‘चिकित्सा प्रौद्योगिकी में सेलफोन और इंटरनेट के जरिए हम बीमारी पर विजय प्राप्त करने जा रहे हैं।’शिकागो के मूल निवासी मार्टिन कूपर ने 1950 में इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक किया और सात साल बाद इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। 1970 के दशक में कार फोन का चलन था। इन उपकरणों को वाहनों की बैटरी में प्लग किया जाता और रेडियो चैनलों के माध्यम से आउटगोइंग कॉल की जाती, लेकिन शायद ही कभी इन फोनों ने काम किया हो। हालांकि, मार्टिन कूपर ने इस तकनीक में क्षमता देखी और इसे कार से निकालकर लोगों के हाथों में दे दिया। उन्होंने ओरिजिनल वायरलेस सेलुलर डिवाइस- मोटोरोला डायनाटैक 8000एक्स बनाया- जिसे उन्होंने पहली बार 3 अप्रैल, 1973 को कॉल करने के लिए इस्तेमाल किया।इस एक कॉल ने सेलफोन क्रांति को जन्म दिया, लेकिन उस दिन को याद करते हुए कूपर ने स्वीकार किया, ‘तब हमें नहीं पता था कि भविष्य में इसे एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में याद किया जाएगा।’ उन्होंने अगले एक दशक तक इस डिवाइस के कमर्शियल वर्जन को बाजार में लाने के लिए काम किया और वायरलेस कम्युनिकेशन इंडस्ट्री को लॉन्च करने में मदद की। इसके साथ ही, दुनिया भर में दूर संचार, खरीदारी और जानने-सीखने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव का दौर आया। मार्टिन कूपर ने जो पहला सेलफोन बनाया था, वह एक लंबे एंटीना के साथ 2.5 पाउंड वजनी था, एक ईंट की तरह दिखने वाला, जो अपने समय के लिए एक चमत्कार था। लेकिन आज के उपकरण देखकर कूपर मानते हैं कि एक इंजीनियर के रूप में मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि भविष्य में सेलफोन ऐसे होंगे। इस 94 वर्षीय अमेरिकी इंजीनियर ने 1973 में पोर्टेबल टेलीफोन पर पहली कॉल की थी और उस समय उन्हें इस बात का विश्वास नहीं था कि 2.5 पाउंड का ईंट जितना बड़ा यह डिवाइस सफल होगा।
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